#MeToo के यौन उत्पीड़न के लपेटे में आए एमजे अकबर ने विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. एमजे अकबर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना इस्तीफा भेज दिया है. उनके ऊपर अब तक 20 महिला पत्रकारों ने #MeToo अभियान के तहत आरोप लगाए हैं. एजमे अकबर ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि वह न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा कि अब वह निजी तौर पर केस लड़ेंगे. उन्होंने पीएम मोदी और सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा भी किया.
अकबर पर पहला आरोप वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया था, जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी. रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगाए. अकबर पर ताजा आरोप एक विदेशी महिला पत्रकार ने लगाया कि 2007 में जब वो इंटर्नशिप के लिए आईं तो वो सिर्फ 18 साल की थीं और उनके साथ एमजे अकबर ने गलत हरकत करने की कोशिश की.
#MJAkbar resigns from his post of Minister of State External Affairs MEA. pic.twitter.com/FcNLh4cVDv
— ANI (@ANI) October 17, 2018
यह पहली बार है, जब मोदी सरकार के किसी मंत्री ने किसी विवाद में घिरने के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया है. इस्तीफे से पहले अजीत डोभाल ने उनसे मुलाकात की थी और फिर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इसकी रिपोर्ट दी थी. हालांकि एमजे अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि वो अपनी लड़ाई कोर्ट में लड़ेंगे.
सुत्रों के मुताबिक पीएमओ की दखलंदाजी के बाद एमजे अकबर का इस्तीफा हुआ है. मामले को लेकर एनएसए अजीत डोभाल ने एमजे अकबर से मुलाकात की थी. इस मसले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की भी राय ली गई.
वहीं, एमजे अकबर के इस्तीफे के बाद प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा, 'अकबर के इस्तीफे से हम महिलाओं को सुकून मिला है. हम खुद को दोषमुक्त महसूस कर रही हैं. मुझे उस दिन का इंतजार है, जब कोर्ट में मुझे न्याय भी मिलेगा.'
As women we feel vindicated by MJ Akbar’s resignation.
— Priya Ramani (@priyaramani) October 17, 2018
I look forward to the day when I will also get justice in court #metoo