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संसद भवन को फिर से डिजाइन किए जाने की महत्वाकांक्षी योजना के लिए अहमदाबाद स्थित फर्म 'एचसीपी डिजाइन प्लानिंग' को वास्तु सलाहकार के रूप में चुना गया है. बिमल पटेल के नेतृत्व वाली कंपनी ने गांधीनगर में केंद्रीय विस्टा और अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट के पुनर्विकास भी किया था.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि यह अनुबंध अनुमानित लागत 448 करोड़ रुपये से काफी कम, 229.7 करोड़ रुपये का है. पुरी ने बताया कि कंसल्टिंग कॉस्ट (परामर्श लागत) आमतौर पर कुल लागत का 3 से 5 प्रतिशत होता है. उन्होंने आंकड़ा देने से हालांकि इनकार कर दिया.
पुरी ने कहा कि दिल्ली को नया स्वरूप देने वाली आइकॉनिक योजना के हिस्से तहत धरोहर इमारतों को तोड़ा नहीं जाएगा. इस योजना में एक नया केंद्रीय सचिवालय भवन शामिल होगा, क्योंकि कई सरकारी कार्यालय दिल्ली-एनसीआर में फैले हुए हैं और एक महीने में इनके किराए पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं.
पुरी ने कहा कि यह निर्माण कम से कम 250 वर्षो की जरूरतों को पूरा करने के लक्ष्य के साथ करवाया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि अब 250 वर्षो तक राष्ट्रीय राजधानी के रूप में दिल्ली की आधुनिक और परिभाषित विशेषताओं के निर्माण का समय आ गया है.
दिल्ली के लिए इसे एक परिवर्तनकारी कदम बताते हुए मंत्री ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों के लिए मालिकाना हक देने सहित कई उपाय किए गए हैं.
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीनों का वक्त रह गया है. पुरी ने कहा कि संसद भवन का नया पुनर्विकास अगस्त, 2022 तक हो जाएगा.
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.