असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार सुबह जारी कर दी गई जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों को जगह नहीं मिली।
एनआरसी की सूची में शामिल होने के लिए आवेदन करने वाले 3.30 करोड़ से अधिक आवेदकों में से 3.11 करोड़ से अधिक लोगों को एनआरसी की अंतिम सूची में जगह मिली है।
एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा, "एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल होने के लिए कुल 3,11,21,004 लोगों को योग्य पाया गया जबकि अपनी नागरिकता के संबंध में आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत न कर पाने वाले 19,06,657 लोगों को इस सूची से बाहर रखा गया है।"
शामिल किए गए और बाहर किए गए नामों को लोग एनआरसी की वेबसाइट www.nrcassam.nic.in पर देख सकते हैं।
बयान में कहा गया कि सुबह 10 बजे अंतिम सूची प्रकाशित की गई। शामिल किए गए लोगों की पूरक सूची एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके), उपायुक्त के कार्यालयों और क्षेत्राधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध है, जिसे लोग कामकाजी घंटों के दौरान देख सकते हैं।
एनआरसी बाहर से किए गए लोगों को अब तय समय सीमा के अंदर विदेशी न्यायाधिकरण के सामने अपील करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक एनआरसी की अंतिम सूची जारी करने की अंतिम समय सीमा तय की थी। एनआरसी लिस्ट को बनाने की प्रक्रिया 4 साल पहले शुरू हुई थी और सरकार ने तय समय के भीतर यह सूची जारी कर दी है।
बता दें कि इस प्रकाशन से भारतीय नागरिकों की पहचान के साथ ही बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों की भी पहचान होगी। इससे पहले जब मसौदा एनआरसी प्रकाशित हुआ था, तब 40.7 लाख लोगों को इससे बाहर रखा गया था, जिस पर देशभर में काफी विवाद हुआ था। राजनीतिक दलों द्वारा गलत तरीके से लोगों को एनआरसी में शामिल करने या निकाले जाने के आरोप लगाए थे। इन आरोपों के बाद अब आज इसे सार्वजनिक कर दिया गया।
उधर, सूची के प्रकाशन को देखते हुए असम प्रशासन ने गुवाहाटी सहित संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि कार्यालयों में सामान्य कामकाज, आमजनों और यातायात की सामान्य आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया है।
राज्य सरकार ने लोगों को आश्वस्त भी किया है कि जिन लोगों के नाम शामिल नहीं होंगे, उनके पास आगे विकल्प रहेगा। राज्य सरकार के आश्वासन से पहले ही असम में करीब 41 लाख लोगों में एनआरसी प्रकाशन से पहले ही चिंता व्याप्त है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।