अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह रविवार को ह्यूस्टन में होने वाले 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में बड़ी घोषणा कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ करीब 50,000 भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करेंगे।
अमेरिका और भारत के नेताओं की यह गर्मजोशी ऐसे समय में देखने को मिलेगी जब पाकिस्तान कश्मीर पर झूठ फैलाने में जुटा है। पाक पीएम इमरान खान कश्मीर पर अमेरिका से भी मदद मांग चुके हैं पर यह दोस्ती उन्हें और बेचैन कर देगी।
कैलिफॉर्निया से वॉशिंगटन डीसी वापस जाते समय ट्रंप से पत्रकारों ने पूछा था कि क्या ह्यूस्टन रैली में जब भारतीय पीएम के साथ वह होंगे तो कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं? इस पर ट्रंप बोले, 'हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ मेरे काफी अच्छे संबंध हैं।' हालांकि उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया।
मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि ह्यूस्टन में मोदी और ट्रंप की मुलाकात से पहले दोनों देशों के अधिकारी एक ट्रेड डील को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल, ट्रंप ने इस बात की शिकायत की थी कि अमेरिकी उत्पादों पर भारत ज्यादा शुल्क लगा रहा है और यह स्वीकार्य नहीं है। इसके बाद भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी तनाव बढ़ गया था। इसके बाद जून में अमेरिका ने भारत का तरजीही देश का दर्जा (GSP) खत्म कर दिया था।
हालांकि अब अमेरिका के ही सांसदों ने कहा है कि इसे वापस बहाल कर दिया जाना चाहिए। अमेरिका ने विशेष छूट वापस ली तो भारत ने भी बादाम, सेब समेत 28 अमेरिकी उत्पादों पर 5 जून से ज्यादा शुल्क लगा दिए।
वाइट हाउस ने घोषणा की है कि दोनों देशों के घनिष्ठ संबंधों के प्रति अपने विशेष भाव को प्रदर्शित करने के लिए 22 सितंबर को पीएम मोदी की मेगा रैली में ट्रंप भी शामिल होंगे। पहली बार है जब इस तरह से मोदी और ट्रंप एक साथ मंच साझा करेंगे। तीन महीने के भीतर दोनों नेताओं की यह तीसरी मुलाकात भी होगी। इससे पहले वे जून में जापान में G-20 समिट और पिछले महीने फ्रांस में G-7 समिट में मिले थे।
इवेंट में रिकॉर्ड 50 हजार भारतीय अमेरिकी पहुंच रहे हैं, इस बाबत पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि मेरे जाने की घोषणा के बाद अब भीड़ और बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा, 'उनके (मोदी) लिए काफी भीड़ जुट रही है और मेरा अनुमान है कि यह तादाद और बढ़ जाएगी क्योंकि मैंने भी घोषणा की है कि मैं जा रहा हूं।'
पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र के लिए 21-27 सितंबर तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। अमेरिका में भारत के शीर्ष राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंधों में यह क्षमता है कि वह इस शताब्दी की परिभाषित करने वाली साझेदारी बन जाए। मोदी शनिवार को ह्यूस्टन पहुंचेंगे। एक दिन बाद ट्रंप विशाल हाउडी मोदी रैली को संबोधित करने उनके साथ मौजूद होंगे। ये दोनों नेता संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर न्यूयॉर्क में फिर मुलाकात करेंगे।
शृंगला ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले 10 सालों में दोगुना हुआ है। आने वाले पांच सालों में इसके फिर से दोगुने होने की संभावना है। शृंगला के मुताबिक, पिछले साल भारत ने पहली बार अमेरिका से 4.5 अरब डॉलर (करीब 32 हजार करोड़ रुपए) का तेल और गैस खरीदी। उन्होंने ऊर्जा के क्षेत्र में भी साझेदारी बढ़ने के संकेत दिए।
भारतीय राजदूत ने कहा कि हम अगले पांच सालों में 280 अरब डॉलर (20 लाख करोड़ रुपए) के द्विपक्षीय व्यापार की तरफ देख रहे हैं। इसलिए छोटी मोटी रोक-टोक से दोनों देशों के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।