जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करने की अमेरिकी धमकी की चीन ने आलोचना की है। चीन का कहना है कि अमेरिका का यह कदम इस मुद्दे को पेचीदा बना रहा है और यह दक्षिण एशिया में शांति एवं स्थिरता के लिए अनुकूल नहीं है।
बता दें कि अजहर को '1267 अलकायदा प्रतिबंध कमिटी' के तहत सूचीबद्ध करने के एक फ्रांसीसी प्रस्ताव पर चीन ने अड़ंगा डाल दिया था जिसके बाद अमेरिका ने उसे काली सूची में डालने और उसकी यात्रा पर पाबंदी लगाने के लिए 27 मार्च को 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक मसौदा पत्र वितरित किया।
उधर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने पत्रकारों से कहा कि चीन इस मुद्दे का उचित हल करने के लिए रचनात्मक और तार्किक रुख अपना रहा है। उन्होंने विदेश विभाग के प्रवक्ता के एक बयान के बारे में सवाल पूछे जाने पर यह कहा। दरअसल, प्रवक्ता ने कहा था कि अमेरिका अजहर को काली सूची में डालने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करेगा। अमेरिका ने मंगलवार को कथित तौर पर कहा था कि वह जैश संस्थापक अजहर को जवाबदेह ठहराने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करेगा।
गेंग ने सोमवार को दावा किया था कि पेचीदे मुद्दे के हल के लिए सकारात्मक प्रगति हुई है और उन्होंने अमेरिका पर उसकी कोशिशों को नाकाम करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका की कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र नियमों और परंपरा के अनुरूप नहीं है और यह एक गलत उदाहरण है। उन्होंने कहा, 'हमें आशा है कि इस मुद्दे का आखिरकार उपयुक्त हल हो जाएगा।'
गेंग ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद के हालात पर कहा, 'कश्मीर में हुई हालिया घटना पर चीन ने अपना रुख बयां कर दिया है। हमें आशा है कि भारत और पाकिस्तान वार्ता करेंगे और इसके जरिए लंबित मुद्दों का हल करेंगे।' उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी के पुलवामा हमले में जैश की संलिप्तता के बारे में भारत ने 27 फरवरी को दस्तावेज सौंपा था। वहीं, पाकिस्तान ने जैश और पुलवामा हमले के बीच किसी तरह का संबंध होने से इनकार कर दिया और भारत की तरफ से भेजे गए डॉजियर को नाकाफी बताते हुए और सबूत की मांग की है।