अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड ने ऐलान किया है कि वह 2020 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगी. हवाई से डेमोक्रेट तुलसी ने शुक्रवार को सीएनएन को बताया, "मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया है और मैं अगले सप्ताह इसका औपचारिक ऐलान कर दूंगी."
गेबार्ड (37) मौजूदा समय में प्रतिनिधि सभा की विदेशी मामलों की समिति में कार्यरत हैं. वह कांग्रेस में शामिल होने वाली पहली हिंदू हैं.
उन्होंने कहा, "यह फैसला करने के मेरे पास कई कारण हैं. अमेरिकी लोगों के समक्ष मौजूदा समय में कई चुनौतियां हैं और मैं इसे लेकर फ्रिकमंद हूं और मैं इसका समाधान करने में मदद करना चाहती हूं."
उन्होंने आगे कहा, "मुख्य मुद्दा युद्ध और शांति का है. मैं इस पर काम करने को लेकर आशान्वित हूं और गहराई में जाकर इस पर बात करूंगी."
2016 में बर्नी सैंडर्स की उप प्रचार प्रबंधक रानिया बैट्रिस फिलहाल गैबर्ड की शीर्ष सहयोगी हैं और उनकी चुनाव प्रचार प्रबंधक भी होंगी.
गेबार्ड फिलहाल अमेरिका के हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में कार्यरत हैं. गबार्ड भारतीय नहीं हैं. उनके पिता समोआ मूल के कैथोलिक माइक गबार्ड हैं जो हवाई के राज्य सीनेटर रहे हैं. उनकी मां काकेशियाई मूल की करोल पोर्टर गबार्ड हैं जो हिंदू धर्म का पालन करती हैं.
खुद गबार्ड ने युवावस्था में हिंदू धर्म अपनाया. अगर गबार्ड राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दावेदारी करती हैं तो वह ऐसी दावेदारी करने वाली अब तक की किसी भी पार्टी की पहली हिंदू नेता होंगी.
अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए हाल में हुए चुनाव में तुलसी फिर निर्वाचित हुई. वह साल 2012 से इस सदन की सदस्य हैं. इस बार उनका लगातार चौथा कार्यकाल है. अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय में वह काफी लोकप्रिय हैं.
अमेरिका के इतिहास में तुलसी पहली ऐसी सांसद हैं जिन्होंने हाथों में गीता लेकर संसद की सदस्यता की शपथ ली थी. इस समय वह सदन की प्रभावशाली सशस्त्र सेवा समिति और विदेश मामलों की समिति की सदस्य हैं. वह डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रीय समिति की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं.