भारतीय बैंकों के साथ करीब नौ हजार करोड़ रूपये से अधिक की धोखाधड़ी के आरोपी भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने खुद को भारत प्रत्यर्पित करने के ब्रिटेन सरकार के आदेश के कुछ ही घंटों बाद सोमवार को कहा कि वह अपील की प्रक्रिया शुरू करेगा. ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावीद ने माल्या को करारा झटका देते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है, जिसके बाद विजय माल्या की यह प्रतिक्रिया आई है.
विजय माल्या (63) के पास ब्रिटेन की हाई कोर्ट में अपील की इजाजत हासिल करने के लिए चार फरवरी से 14 दिनों का वक्त है. माल्या ने एक ट्वीट में कहा कि वह अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अपील की प्रक्रिया शुरू करेगा.
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने ट्वीट किया, '10 दिसंबर 2018 के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले के बाद मैंने अपील करने का अपने इरादे का जिक्र किया था. गृह मंत्री के फैसले से पहले मैं अपील की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकता था. अब मैं अपील की प्रक्रिया शुरू कर सकता हूं.'
After the decision was handed down on December 10,2018 by the Westminster Magistrates Court, I stated my intention to appeal. I could not initiate the appeal process before a decision by the Home Secretary. Now I will initiate the appeal process.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) February 4, 2019
यदि अपील को मंजूरी दे दी जाती है तो माल्या के केस पर हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. दरअसल, प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मैजिस्ट्रेट का फैसला होम सेक्रटरी के पास भेजा गया था क्योंकि माल्या के प्रत्यर्पण आदेश को जारी करने का अधिकार उनके पास ही है.
ब्रिटिश गृह कार्यालय ने बताया कि धोखाधड़ी की साजिश रचने और धनशोधन के आरोपों में गृह मंत्री ने माल्या के प्रत्यर्पण के आदेश दिए हैं. इसे माल्या को वापस लाने के भारत के प्रयासों की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 10 दिसंबर 2018 को कहा था कि 63 साल के कारोबारी माल्या को भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देने होंगे. प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मजिस्ट्रेट का फैसला गृह मंत्री जावीद को भेजा गया था, क्योंकि सिर्फ गृह मंत्री ही माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं.
ब्रिटेन में पाकिस्तानी मूल के वरिष्ठतम मंत्री जावीद के कार्यालय ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की कि सारे मामलों पर विचार करने के बाद मंत्री ने रविवार को माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर दस्तखत कर दिए. गृह कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया, 'सभी प्रासंगिक मामलों पर विचार करने के बाद तीन फरवरी को मंत्री ने विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर दस्तखत कर दिए.' प्रवक्ता ने कहा, 'विजय माल्या पर भारत में धोखाधड़ी की साजिश रचने, गलत जानकारी देने और धनशोधन करने के आरोप हैं.'
अप्रैल 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड की ओर से तामील कराए गए प्रत्यर्पण वॉरंट पर माल्या जमानत पर है. यह वॉरंट उस वक्त तामील कराया गया था जब भारतीय अधिकारियों ने किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख माल्या को 9,000 करोड़ रुपए की रकम की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में आरोपित किया था.
होम सेक्रटरी का आदेश कभी-कभार ही अदालत के फैसले के विपरीत जाता है क्योंकि उन्हें प्रत्यर्पण के कुछ सीमित पहलुओं पर ही विचार करना होता है और इस मामले में ऐसा होने की संभावना नहीं थी. इनमें एक पहलू यह भी होता है कि किसी मामले में मृत्यु दंड दिए जाने की कितनी आशंका है.
यूके होम ऑफिस के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा, '3 फरवरी को सेक्रटरी ऑफ स्टेट ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए.' इस बीच, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, 'मोदी सरकार ने माल्या को प्रत्यर्पित करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है जबकि सारदा घोटालेबाजों के इर्द-गिर्द विपक्ष का जमावड़ा है.'
आपको बता दें कि किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. इससे पहले दिसंबर में माल्या (63) ब्रिटेन की एक अदालत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी केस हार गए थे. तब कोर्ट ने उन्हें भारत के हवाले करने की अनुमति दे दी थी. ब्रिटेन की अदालत ने कहा था कि वह भारत सरकार की ओर से दिए गए विभिन्न आश्वासनों से संतुष्ट है, जिसमें जेल की एक सेल का विडियो भी शामिल था.
ब्रिटेन में रह रहे शराब कारोबारी पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तारी के बाद से जमानत पर हैं. ऐसा लगता है कि माल्या को अपने खिलाफ ऐक्शन का कुछ दिन पहले ही आभास हो गया था. शायद इसी वजह से माल्या के सुर बदले थे. हाल में माल्या ने अपनी दलील में ट्वीट कर दावा किया था कि उनकी कंपनी की 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. माल्या ने यह भी कहा था कि उन्हें कर्ज देने वाले बैंक ने इंग्लैंड में अपने वकीलों को उनके खिलाफ छोटे-मोटे मामले दर्ज करने की खुली छूट दी हुई है.
माल्या अपने खिलाफ मामले को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं. माल्या ने कहा था, 'मैंने एक भी पैसे का कर्ज नहीं लिया. कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस ने लिया. कारोबारी विफलता की वजह से यह पैसा डूबा है. गारंटी देने का मतलब यह नहीं है कि मुझे धोखेबाज बताया जाए.'