कांग्रेस नेता शशि थरूर द्वारा भारत के "हिंदू पाकिस्तान" बनने की बात कहने के एक दिन बाद ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की ही तरह सत्तासीन पार्टी देश में कट्टरवाद को बढ़ावा दे रही है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा- "कट्टरपंथ की वजह से आतंकवाद पैदा होता है. जिया-उल-हक ने पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरवाद को प्रश्रय दिया था, जिसके कारण वहां आतंकवाद पैदा हुआ. भारत में भी सत्तासीन सरकार द्वारा तथाकथित 'हिन्दुत्व' के नाम पर धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो उतना ही खतरनाक है."
Extremism leads to terrorism. Religious extremism as promoted by Zia-ul-Haq in Pakistan led to spurt in terrorism there. There is religious extremism being promoted by ruling government in India, the so called Hindutva, this is a similar dangerous trend: Digvijaya Singh, Congress pic.twitter.com/igp9894xcF
— ANI (@ANI) July 13, 2018
दिग्विजय से पहले कांग्रेस सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे शशि थरूर ने कहा था कि यदि 2019 में बीजेपी लोकसभा में बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई, तो हमारा संविधान नहीं बचेगा क्योंकि तब वह लोकतांत्रिक संविधान जैसा हम समझते हैं उसे नष्ट कर देगी और एक नया संविधान लिखेगी. उसके बाद वह हिंदू राष्ट्र बनाएगी, जिससे अल्पसंख्यकों की बराबरी का हक छिनेगा जैसा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होता है. इस तरह यह वह भारत नहीं रहेगा, जिसके लिए महात्मा गांधी, नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी.
थरूर के बयान से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस ने अपने सभी नेताओं को बयान देते समय सोच समझ कर शब्दों का चयन करने की नसीहत दी थी. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि भारत के मूल्य और अधिकार इसकी सभ्यता की असंदिग्ध गारंटी है. हालांकि थरूर के बयान का शरद यादव और एनसीपी नेता माजिद मेनन सहित अन्य नेताओं ने बचाव किया था. शरद यादव ने कहा था कि 4 साल से जो काम हो रहा है, कोई भी सोचेगा कि वह हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए हो रहा है. वहीं मेनन का कहना था कि सांसद के बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है.