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उत्तर प्रदेश के बस्ती में शनिवार, 11 अगस्त की सुबह तब हड़कंप मच गया, जब एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का लिंटल (बड़ा हिस्‍सा) गिर गया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह हादसा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28 पर स्थित फुटहिया चौराहे पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर पर हुआ. इस ब्रिज पर बीते कुछ महीनों से लगातार काम चल रहा है.

पुल की चपेट में आने से चार लोग जख्मी हो गए जबकि एक शख्स अभी भी मलबे में दबा हुआ है. घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया. मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है. इलाके में यातायात ठप हो गया है.

एनएचएआई के द्वारा करोड़ों की लागत से इस पुल का निर्माण हो रहा है लेकिन इसके तैयार होने से पहले ही एनएचएआई की लापरवाही सामने आ गई. मौके पर प्रशासन की टीम ने पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थानीय प्रशासन को तुरंत राहत पहुंचाने का आदेश जारी किया.

इस हादसे के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा," बस्ती में बन रहे नेशनल हाईवे के फ्लाईओवर गिरने से हताहत लोगों को सरकार तुरंत राहत पहुँचाए. इस 'ना-काम सरकार' में कोई काम नहीं हो रहा है और जो एकआध हो भी रहा है, तो उसकी ये दुर्दशा है. अब तो सरकार को अपने कामों की कमी व भ्रष्टाचार की जाँच के लिए कोई स्थायी आयोग ही बना देना चाहिए."

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इसके अलावा पश्चिम बंगाल स्थित सिलिगुड़ी के गोलतुली इलाके में भी एक पुल शनिवार की सुबह ही गिर गया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक यहां एनएच- 31डी रेलवे फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर गया. इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. गोलतुली इलाके में पुल गिरने की घटना का विरोध करते हुए इलाके के लोगों ने रास्ता जाम कर दिया.

गौरतलब है कि वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास बीते 18 मई को एक निमार्णाधीन पुल का एक हिस्सा गिरने से 18 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 25 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस हादसे में सेतु निगम के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. इस मामले में योगी सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 7 इंजीनियर और एक ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्‍हें गिरफ्तार भी करने का आदेश दिया था.