सांकेतिक तस्वीर
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चुनाव आयोग के लिये ईवीएम बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इलैक्ट्रॉनिक कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ने ईवीएम को हैक करने का दावा करने वाले स्वयंभू साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा के 2009 से 2014 के बीच कंपनी के साथ किसी भी भूमिका में काम करने से इंकार किया है।

ईसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल संजय चौबे (से.नि.) ने मंगलवार को आयोग को शुजा के ईसीआईएल के लिये काम करने संबंधी मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुये यह जानकारी दी है।

सूत्रों के अनुसार चौबे ने उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन को लिखे पत्र में बताया ''कंपनी के पुराने रिकॉर्ड की जांच में पाया गया है कि ना तो 2009 से 2014 के दौरान शुजा कंपनी का नियमित कर्मचारी था ना ही ईवीएम के डिजायन एवं डेवलपमेंट के मामले में किसी भी भूमिका में जुड़ा था।''

उल्लेखनीय है कि सोमवार को शुजा ने लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है और 2014 के लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी। उसने पूर्व में स्वयं को ईसीआईएल से जुड़े रहने का दावा करते हुये कहा था कि विभिन्न विधानसभा चुनावों में भी ईवीएम में छेड़छाड़ की गयी थी।

सैयद शुज़ा ने यह भी दावा किया था कि गोपीनाथ मुंडे ईवीएम हैकिंग के बारे में जानते थे इसलिए उनका मर्डर किया गया जबकि गोपीनाथ मुंडे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि कार क्रैश के दौरान शॉक से उनको हार्ट अटैक आया था, उनको कोई बाहरी चोट नहीं लगी, इसलिए हैकर का ये दावा भी फेल हो गया कि मुंडे की मौत एक्सीडेंट नहीं बल्कि मर्डर था।

उधर बीजेपी ने आरोप लगाया कि लंदन में हैकेथॉन का जो इवेंट ऑर्गनाइज हुआ वो कांग्रेस का पॉलिटिकल स्टंट था। लंदन की प्रेस कांफ्रेंस में कपिल सिब्बल भी थे और जब सवालों की बौछार तेज़ हुई तो मंगलवार को उन्होंने मान लिया कि लंदन में ईवीएम हैकेथॉन आयोजित करने वाले आशीष रे उनके दोस्त हैं और वो उनके बुलावे पर लंदन गए थे। सैयद शुज़ा के इतने झूठ सामने आने के बाद भी कपिल सिब्बल जांच की मांग करते रहे।

इसके बाद चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को लिखे एक पत्र में कहा है कि सैयद शुजा ने आईपीसी की धारा 505 (1) का कथित तौर पर उल्लंघन किया है।

इस आधार पर आयोग ने दिल्ली पुलिस को उस शुजा के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है, जिसने दावा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी और ईवीएम को हैक किया जा सकता है।

ईसीआईएल के प्रबंध निदेशक चौबे ने मीडिया रिपोर्टों में शुजा के ईसीआईएल से जुड़े होने के दावे का खंडन करते हुये स्थिति को स्पष्ट किया है। आयोग ने कंपनी से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।

दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने ईवीएम हैकिंग को लेकर लंदन में सोमवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को कांग्रेस द्वारा प्रायोजित साजिश करार देते हुए आज कहा कि वह 2014 के देश के जनादेश का अपमान कर रही है। वरिष्ठ बीजेपी नेता तथा विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित जानकर पहले से ही बहाने ढूँढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि 'यह पूरा आयोजन कांग्रेस द्वारा प्रायोजित था। चुनाव में अपनी हार निश्चित जानकार कांग्रेस अभी से बहाने ढूँढ़ रही है। उसे स्पष्ट करना चाहिये कि क्या यह कैम्ब्रिज एनालिटिका नंबर-2 है। हम देश के लोगों के सामने इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक आशीष रे के ट्वीटों का हवाला देते हुए कहा कि वह समर्पित कांग्रेसी है। नेशनल हेराल्ड में लिखता है और कांग्रेस के पक्ष में और भाजपा तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट करता रहा है।

कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल की मौजूदगी को लेकर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा ''बीजेपी यह पूछना चाहती है कि श्री सिब्बल वहाँ क्या कर रहे थे। वह किस हैसियत से वहाँ उपस्थित थे। हमारा स्पष्ट आरोप है कि वह पूरे मामले की कांग्रेस की तरफ निगरानी करने के लिए वहाँ गये थे।

श्री सिब्बल के निजी हैसियत से वहाँ मौजूद होने के तर्क के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि यह संयोग था तो यह दुर्लभ संयोग था। निश्चित रूप से वह तय मंशा से वहाँ गये थे।

श्री प्रसाद ने ईवीएम हैकिंग का दावा करने वाले कथित साइबर विशेषज्ञ सैयद शूजा की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा 'मैं साढ़े चार साल से देश का सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री हूँ। दुनिया के सभी बड़े साइबर विशेषज्ञों को जानता हूँ, पर कभी उसका नाम नहीं सुना। आमंत्रण में आपने कहा था कि आप ईवीएम हैक करके दिखायेंगे। लेकिन, आप अमेरिका से प्रकट होते हैं और चेहरा ढँककर प्रकट होते हैं।

उन्होंने इस पूरे प्रयास को 'बकवास की संज्ञा देते हुए कहा कि यह विदेश की धरती से भारत को बदनाम करने की साजिश है। उसने गवाह के तौर पर पूर्व मंत्री गोपीनाथ मुंडे का नाम लिया है जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने कहा कि श्री मुंडे का पोस्टमॉर्टम करने वाले एम्स के डॉ. सुधीर गुप्ता स्वयं टेलीविजन चैनलों पर कह चुके हैं कि उनकी मौत दुर्घटना के कारण हुई थी।

कानून मंत्री ने कहा ''उसने अपने दावों के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिया। पत्रकारों को सवाल भी नहीं पूछने दिया। न गवाही, न सबूत, न सवाल और देश पर इतना बड़ा आरोप लगाने की बात कर रहे हैं? उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुये कहा कि विपक्षी दल को यह स्पष्ट करना चाहिये कि क्या वह 2014 के देश के जनादेश का अपमान कर रही है, क्या वह देश के 90 प्रतिशत मतदाताओं का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि 'उस समय संप्रग सत्ता में थी हम नहीं। जब हम सत्ता में थे नहीं तो हम ईवीएम कैसे हैक कर सकते हैं। यह कैसा तर्क है।

श्री प्रसाद ने कहा कि देश में ईवीएम का इस्तेमाल करीब 20 साल से हो रहा है। जब कांग्रेस 10 साल सत्ता में रही ईवीएम ठीक थी? जब उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश सरकार, पश्चिम बंगाल में ममता सरकार, दिल्ली में केजरीवाल और पंजाब में अमरिंदर सरकार तथा केरल में एलडीएफ की सरकार बनीं तब ईवीएम ठीक थी? इससे खराब तर्क नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि 2017 में निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम हैक करने की खुली चैनौती दी थी, लेकिन उस समय कोई भी दल सामने नहीं आया था और अब वे चाहते हैं कि हम ईवीएम की बजाय फिर से मतपत्रों के युग में चले जायें। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सरकार ने ईवीएम में वीवीपैट लगाने के लिए धन मुहैया कराया है। चुनाव आयोग स्वयं सुधार करता रहता है। कांग्रेस इस तरह की बात करके स्वयं सुनियोजित तरीके से उच्चतम न्यायालय और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थानों के खिलाफ काम कर रही है।