सांकेतिक तस्वीर
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कभी भी, कहीं भी, जेब से मोबाइल फ़ोन निकलना और सेल्फी लेने की आदत वास्तव में कभी भी किसी के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है -- और यह बात समय-बेसमय सच साबित होती रही है. नेपाल में कैलाश मानसरोवर की यात्रा के दौरान हुई एक दुर्घटना में मौत इसी कड़ी में सबसे ताजा उदहारण है. 

42 वर्षीय नागेंद्र कुमार कार्तिक मेहता को इस बात का लेश मात्र भी अंदाजा भी नहीं था की कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा के दौरान एक सेल्फी लेने की चाहत की कीमत उनकी असमय मौत होगी. 

माय रिपब्लिका के मुताबिक, नेपाल के दूरस्थ हिलसा क्षेत्र में बने एक हेलिपैड पर सेल्फी लेने के दौरान मुंबई के रहने वाले मेहता हेलीकॉटर के पास खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे कि तभी वे पिछली पंखुड़ियों की चपेट में आ गए और पल भर में ही उनका सर धड़ से अलग हो गया. 

सहायक मुख्य जिला अधिकारी महेश कुमार पोखरेल ने पीटीआई को बताया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के समय हेलीकॉप्टर जमीन पर खड़ा था. स्थानीय पुलिस के मुताबिक मेहता  हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद उससे दूर चले जाना था, लेकिन वे ऐसा न करके चॉपर के पिछले हिस्से की तरफ चले गए और उसकी पिछली पंखुड़ियों की चपेट में आ गए. 

सूत्रों का यहाँ तक कहना है कि मेहता हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद इसके पीछे खड़े होकर सेल्फी खींचने का प्रयास कर रहे थे और इसी दौरान यह दुर्घटना घट गई. उनके मृत शरीर को पोस्टमार्टम के लिए सिमिकोट भेजा गया जिसके बाद शव को उनके रिश्तेदारों के सुपुर्द कर दिया गया. 

इस दुर्घटना के चलते हेलीकॉप्टर भी क्षतिग्रस्त हो गया. नेपाल में सिमिकोट और हिल्सा क्षेत्र दुनिया के बाकी हिस्सों से विशेष रूप से सिर्फ छोटे विमानों और हेलिकॉप्टरों के माध्यम से ही जुड़े हुए हैं.