पवन कुमार गुप्ता
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उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले चारों मुजरिमों में से एक पवन कुमार गुप्ता का यह दावा सोमवार को अस्वीकार कर दिया कि 2012 में अपराध के वक्त वह नाबालिग था। पवन ने इस याचिका में खुद के नाबालिग होने का दावा ठुकराने के दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी थी।

न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के बाद उसे खारिज करते हुये दिल्ली उच्च न्यायालय का निर्णय बरकरार रखा। पीठ ने कहा कि इस मामले में उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है जिसमें पवन की याचिका अस्वीकार की गयी। पीठ ने कहा कि निचली अदालत और उच्च न्यायालय ने उसके इस दावे को एकदम सही ठुकराया है।

पवन की ओर से अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा कि स्कूल प्रमाण पत्र के अनुसार अपराध के समय वह नाबालिग था और निचली अदालत तथा उच्च न्यायालय सहित किसी भी अदालत ने उसके इन दस्तावेज पर विचार ही नहीं किया।

दिल्ली पुलिस की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पवन के नाबालिग होने का उसके दावे का प्रत्येक न्यायिक मंच पर विचार किया गया और यह न्याय का मखौल होगा यदि एक दोषी को बार-बार अपने नाबालिग होने का मुद्दा उठाने की अनुमति दी जाये। मेहता ने कहा कि अपराध के समय दोषी 19 साल का था और इस संबंध में उसका जन्म प्रमाण पत्र तथा स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र है जिसे प्रत्येक न्यायिक मंच पर रिकार्ड में लाया गया।

पवन ने उसके नाबालिग होने का दावा ठुकराने के उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ शुक्रवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। दोषी ने प्राधिकारियों को दोषी को मृत्यु होने तक फांसी के फंदे पर लटकाने संबंधी अदालत के एक फरवरी के वारंट पर अमल करने से रोकने का भी निर्देश देने का अनुरोध किया था।

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दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को चारों दोषियों-विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन- की मौत की सजा पर एक फरवरी को अमल करने के लिये नये सिरे से आवश्यक वारंट जारी किये थे।

निर्भया के साथ 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार किया और इसके बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.