-
REUTERS/Dado Ruvic

मैसेजिंग एप व्हाट्सएप की पेमेंट सर्विस पर रोक लागने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप और केंद्र सरकार (कानून, आईटी और वित्त मंत्रालय) को कड़ी फटकार लगाते हुए नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस इंदू मलहोत्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को 'सेंटर फॉर अकांउटेलिबिटी एंड सिस्टेमैटिक चेंज' संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि भारत में अभी तक व्‍हाट्सएप से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए शिकायत अधिकारी नियुक्‍त क्‍यों नहीं किया गया.

गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले व्हाट्सएप ने केंद्र सरकार को भरोसा देते हुए कहा था कि वह भारत में लगतार बढ़ रही शिकायतों को देखते हुए एक अधिकारी की नियुक्‍ति करेगा जो भारतीय कानून के मुताबिक समय-सयम पर व्‍हाट्सएप से जुड़े मुद्दों का निपटारा करेगा.

इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उस दौरान बताया था कि व्‍हाट्सएप अलग-अलग तरीके से हिंसा फैलाने वाले और फर्जी संदेश फैलाने वालों के खिलाफ कदम उठा रहा है

दरअसल याचिका में केंद्र सरकार को यह निर्देश देने को कहा गया है कि जब तक व्हाट्सएप रिजर्व बैंक के सभी नियमों का पूर्ण रूप से पालन न कर ले, तब तक उसकी पेमेंट सर्विस रोक दी जाए. बता दें कि यह याचिका 'सेंटर फॉर अकांउटेलिबिटी एंड सिस्टेमैटिक चेंज' संगठन ने दायर की है.

संगठन का कहना है कि यह मैसेंजर कंपनी भारत में कई कानूनी प्रावधानों को पूरी नहीं करती है. संगठन द्वारा याचिका में कहा गया है कि बैंक खाता खोलने के लिए ग्राहक को KYC नियमों के साथ रिजर्व बैंक की कई प्रावधानों को पूरा करना पड़ता है. लेकिन व्हाट्सएप एक विदेशी कंपनी है. इसका भारत में न ही कोई सर्वर है और ना ही कोई ऑफिस.

ऐसे में व्हाट्सएप को भारत में पेमेंट सर्विस शुरू करने के लिए यहां ऑफिस खोलना होगा. याचिका में ये भी कहा गया है कि व्हाट्सएप को एक शिकायत अधिकारी की भी भारत में नियुक्ति करनी होगी. जिससे ग्राहक अपनी परेशानी उनसे बता सकें. व्हाट्सएप के भारत में 20 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं. साथ ही भारत में व्हाट्सऐप पेमेंट सर्विस का 10 लाख लोग परीक्षण कर रहे हैं