सांकेतिक तस्वीर
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दिल्ली के मोती नगर इलाके में डीएलएफ कैपिटल ग्रीन के पी टावर में टैंक की सफाई और मरम्मत के लिए घुसे पांच मजदूर जहरीली गैस की चपेट में आ गए. इससे दम घुटने से चार मजदूरों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि सीवर की सफाई के दौरान जहरीली गैस से इनकी मौत हुई है.

पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज के मुताबिक रविवार को पांच मजदूरों बिना किसी सुरक्षा उपकरण के सीवर के मेन हॉल की सफाई में लगाया गया. मजदूर जब नीचे उतरे उनका दम घुटने लगा और वे बेहोश होने लगे. जब वे नहीं लौटे तो इसकी जानकारी पुलिस को दी गई.

पुलिस ने सभी को मोती नगर के आचार्य भिक्षु अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने चार को मृत घाषित कर दिया. वहीं, विशाल की हालत गंभीर होने की वजह से उसे आरएमएल अस्पताल में रेफर कर दिया था जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई.

जिला पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मजदूरों की पहचान मृत्युंजय, राजा, सरफराज और उमेश कुमार तिवारी के रूप में हुई है. उमेश कुमार और सरफराज डीएलएफ में हाउस किपिंग स्टॉफ का काम करते थे. बताया जा रहा है कि उसे मेन हॉल में ठेकेदार ने जबरन उतारा था.

शुरुआती छानबीन में पुलिस को पता चला है कि ठेकेदार ने सुरक्षा से जुड़े उपकरण भी मजदूरों को मुहैया नहीं कराए थे. फिलहाल फरार चल रहे ठेकेदार के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में जुटी है.

बताया जा रहा है की मोती नगर के पॉश इलाके में बने कैपिटल ग्रीन डीएलएफ टॉवर में रविवार को आपदा प्रबंधन ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मॉकड्रिल का आयोजन किया था। लेकिन सोसायटी की रखरखाव करने वाली एजेंसियों ने इससे सबक नहीं लिया और रविवार को ही यहां हादसा हो गया। यह मॉक ड्रिल सुबह से दो बजे तक चली थी।