-
IANS

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व वित्त और गृह मंत्री पी. चिदंबरम फिलहाल अपनी अगली चार रातें पुलिस रिमांड के दौरान लोधी रोड स्थित सीबीआई के आलीशान मुख्यालय में बिताएंगे, लेकिन न्यायिक हिरासत में उनके रहने की जगह इतनी बेहतर नहीं होगी. अगर अदालत कांग्रेस के मौजूदा राज्यसभा सांसद चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजती है तो, वहां उनकी रातें लकड़ी के सख्त तख्त पर गुजरेंगी जहां न आरामदायक तकिया-गद्दा होगा और न ही एसी की ठंडी हवा.

अभी तक चिदंबरम सीबीआई मुख्यालय की एयरकंडीशंड इमारत में पुलिस रिमांड की रातें गुजार रहे हैं, जहां सुविधाएं तिहाड़ से कहीं ज्यादा बेहतर हैं. चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल कैदी के आज नहीं तो कल (सीबीआई रिमांड पूरी होते ही) तिहाड़ जेल पहुंचने की खबर से सजग जेल प्रशासन ने तमाम इंतजामात शुरू कर दिए हैं.

तिहाड़ जेल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि यूं तो आर्थिक मामलों के विचाराधीन कैदियों को अमूमन जेल नंबर-7 में ही रखा जाता है. यह अलग बात है कि मौजूदा वक्त में 7 नंबर जेल में कोई हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधों से जुड़े मामले का कैदी बंद नहीं है. एक कैदी जो बंद था भी करीब एक साल पहले उसे तिहाड़ की ही दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.

इस जेल में मौजूदा वक्त में करीब 650 कैदी बंद हैं. चूंकि आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों से जुड़े कैदियों की संख्या इस जेल में फिलहाल नगण्य ही है, लिहाजा ऐसे में तिहाड़ की 7 नंबर जेल को कुछ समय पहले तक बच्चा जेल भी बनाकर रखा गया था. साथ ही यह जेल बहुत ही संकरी है. इसके कमरे (सेल-कोठरी) बहुत छोटी हैं. इन दिनों इस जेल में महिलाओं से छेड़छाड़ या महिलाओं के साथ अन्य अपराध करने वाले अपराधियों को रखा जाने लगा है. इन हालातों में फिलहाल चिदंबरम जैसे हाई-प्रोफाइल कैदी को सात नंबर जेल के भीतर कैद रख पाना सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी जेल प्रशासन को शायद मुनासिब न लगे.

तिहाड़ जेल मुख्यालय से जुड़े एक विश्वसनीय सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि जेल की जिम्मेदारी अभी तब तक कुछ नहीं है, जब तक कोई कैदी न्यायिक हिरासत में जेल के अंदर नहीं आ जाता है. जहां तक चिदंबरम के आने का सवाल और जेल में उन्हें रखने की बात है, तो जेल को कोई खास इंतजाम नहीं करने हैं.

उन्होंने कहा कि,' सब कुछ जेल मैनुअल के हिसाब से पहले से तय है. चूंकि चिदंबरम की उम्र 70 साल के आसपास है. लिहाजा कानूनन उन्हें जेल नंबर-एक की सेल में बंद किए जाने की भी प्रबल संभावना है. साथ ही सोने के लिए उन्हें लकड़ी का तख्त दिया जाएगा, यह भी तय है. साथ ही उन्हें कंबल भी जेल की तरफ से मुहैया कराया जाएगा. एयरकंडीशनर और गद्दे के इंतजाम का जेल मैनुअल में कहीं कोई जिक्र नहीं हैं.'

एक अन्य जेल सूत्र ने बताया कि, 'जेल नंबर एक में किसी जमाने में हरिकिशन लाल भगत (एचकेएल भगत 1984 सिख दंगों का आरोपी), चंद्रा स्वामी, मामाजी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम, सन 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में फंसे सुरेश कलमाड़ी, सहारा प्रमुख सुब्रत राय भी रह चुके हैं. 7 नंबर जेल के बजाय एक नंबर तिहाड़ जेल में रखने के पीछे चिदंबरम की सुरक्षा भी प्रमुख वजह होगी. '

नाम जाहिर न करने की शर्त पर तिहाड़ जेल के एक आला अफसर ने आईएएनएस को बताया कि, 'यूं तो पूरी तिहाड़ में तमिलनाडु स्पेशल पुलिस लगी है. चिदंबरम के मगर जेल नंबर एक में पहुंचते ही वहां टीएसपी जवानों की संख्या और बढ़ा दी जाएगी.'

जेल मैनुअल के हिसाब से एक नंबर जेल में कैद होने वाले कैदियों को एक दाल, एक सब्जी, चार पांच रोटी मुहैया कराई जाती हैं. चिदंबरम को भी यही खाना खाने को दिया जाएगा. अलग होगा तो सिर्फ यह कि चिदंबरम को जेल नंबर एक में ही मौजूद अलग रसोईघर में बना भोजन मुहैया कराया जाए, न कि जेल-लंगर में बना खाना दिया जाए. यह सब एहतियातन और सुरक्षा के मद्देनजर जेल मैनुअल के मुताबिक ही बताया जाता है.

तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक अगर चिदंबरम जेल की रसोई का खाना खाने से मना करेंगे तो उन्हें नियमानुसार तिहाड़ जेल कैंटीन से ही कुछ खाना मंगाने की अनुमति होगी. घर का बना खाना जेल की कोठरी में लाने की सख्त मनाही है. जेल में वे सिर्फ घर से लाए या किसी परिजन द्वारा मुहैया कराए गए कपड़े ही पहन पाएंगे.

उल्लेखनीय है कि अदालत नेबृहस्पतिवार को ही चिदंबरम को पांच दिन (26 अगस्त तक) के लिए सीबीआई रिमांड पर भेजा है. चिदंबरम तिहाड़ जेल कब भेजे जाएंगे यह 26 अगस्त को अदालत के आदेश पर निर्भर करेगा.

इस बीच आईएएनएस को सीबीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों से पता चला है कि, बृहस्पतिवार की रात से 26 अगस्त को अदालत में दुबारा पेशी तक आर्थिक घोटाले के आरोप में गिरफ्तार पूर्व गृह और वित्तमंत्री को सीबीआई मुख्यालय में मौजूद पांच सुसज्जित सुइट्स में से एक (पांच नंबर) में रखा जाएगा.

अमूमन इन सुइट्स में सीबीआई के अधीक्षक और उससे ऊपर स्तर के आला-अफसर ही रुकते हैं. यह अलग बात है कि अगुस्टा वेस्टलैंड के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल और दूसरे मामले के चर्चित नाम सतीश सना को भी सीबीआई ने इन्हीं में से एक सुइट में रखा था.

सीबीआई मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक, 'भू-तल पर मौजूद इन खास सुइट्स में एसी, डबल-बेड, फ्रिज, गीजर, टेलीविजन जैसी तमाम सुविधाएं हैं. 'हालांकि यह खास सुइट्स सिर्फ और सिर्फ सफेदपोश अपराधियों को ही रिमांड अवधि में रखने के लिए सीबीआई इस्तेमाल करती है जबकि खूंखार अपराधियों के लिए यहां बाकायदा हवालात (लॉकअप) का भी इंतजाम है.

यहां उल्लेखनीय है कि अदालत ने रिमांड अवधि के दौरान चिदंबरम के परिवार को रोजाना आधा घंटा उनसे मिलने की अनुमति दी है. साथ ही 48 घंटे के अंदर आरोपी की मेडिकल जांच कराने के निर्देश भी अदालत ने जांच एजेंसी को दिए हैं.

गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम को सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया (प्रा.) लिमिटेड संबंधी आर्थिक घोटाले में लिप्त पाए जाने के कारण गिरफ्तार किया है.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.