सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरCreative Commons

सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच अंदरूनी कलह सतह पर आ गई. सीबीआई ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर एक मामले को रफा-दफा करने के लिए 3 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है.  सीबीआई ने सतीश साना की शिकायत के आधार पर विशेष निदेशक अस्थाना, पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार, मनोज प्रसाद, कथित बिचौलिए सोमेश प्रसाद और अन्य अज्ञात अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया है. 

मामले में की गई प्राथमिकी के मुताबिक अधिकारी ने हैदराबाद के व्यापारी सतीश साना, जिसका नाम मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े मामले में सामने आया था, के मामले को खत्म करने के लिए 3 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी.
मनोज प्रसाद और उनके भाई सोमेश प्रसाद, सतीश साना से मिले. सतीश साना का नाम मोइन कुरैशी की जांच के दौरान सामने आया था. दुबई स्थित व्यापारी मनोज और सोमेश ने सतीश को बताया कि सीबीआई के अधिकारी की मदद से वे केस खत्म करा देंगे. सतीश का आरोप है कि सोमेश ने एक अधिकारी को फोन किया जिसने दावा किया कि वो 5 करोड़ रुपये में मामले को खत्म करा देगा लेकिन 3 करोड़ रुपये एडवांस में देने होंगे, जिसके बाद सोमेश ने सतीश को बताया कि जिस अधिकारी से उसने बात की वो राकेश अस्थाना थे और इसकी पुष्टि के लिए उसने व्हाट्स ऐप डीपी भी दिखाई. 

सतीश साना ने सीबीआई को बताया है कि उनपर विश्वास करके, जांच की प्रताड़ना और मानसिक तनाव से बचने के लिए उसने एक करोड़ रुपये का जुगाड़ कर मनोज प्रसाद को उसके दुबई स्थित दफ्तर में दिया. जिसके बाद सोमेश प्रसाद के कहने पर उसने सुनील मित्तल नाम के एक शख्स को दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की पार्किंग में 13 दिसंबर 2017 को 1.95 करोड़ रुपये अपने कर्मचारी पुनीत के जरिए दिए. 

आरोप के मुताबिक 2.95 करोड़ रुपये देने के बाद इस साल फरवरी के महीने में सतीश को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत सीबीआई का नोटिस मिला. जिसके बाद मनोज ने सतीश साना को कहा कि नोटिस से बचने के लिए उसे बचे हुए 2 करोड़ रुपये देने होंगे.

सतीश साना की शिकायत के अनुसार मुकेश ने बातचीत के दौरान उसे दुबई में कहा था कि राकेश अस्थाना उसका काम जरूर करेंगे, क्योंकि वो कई साल से दुबई और लंदन में उनका निवेश मैनेज करता है. मुकेश ने यह भी बताया कि राकेश अस्थाना उसके लंदन स्थित आवास पर भी ठहरे थे. मुकेश ने दो अन्य अधिकारी सामंत गोयल और परवेज हयात से साथ संपर्क होने की भी बात कही.

इसके बाद सतीश साना अपने परिवार के साथ हैदराबाद से फ्रांस जाने वाला था, लेकिन उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी होने की वजह से उसे रोक दिया गया और 26  दिसंबर को सीबीआई के समक्ष पेश होने को कहा गया. सतीश ने बताया कि एक अक्टूबर को सीबीआई से पूछताछ के दौरान उसकी मुलाकात डीएसपी देवेंद्र कुमार से हुई जिन्होंने उसकी मुलाकात एसपी जगरूप से कराई. उससे पूछा गया कि वो फ्रांस क्यों जाना चाहता है तब उसने जवाब में बताया कि वो अपने बेटे के एडमिशन के लिए फ्रांस जा रहा था. इसपर उन्होंने कहा कि उसे सीबीआई को बता के जाना चाहिए था. 

सतीश साना की शिकायत के मुताबिक सीबीआई से पूछताछ की जानकारी जब उसने बिचौलिए मनोज को दी तो उसने जवाब दिया कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि उसने बचे हुए 2 करोड़ रुपये अभी नहीं दिए हैं. जिसके बाद मनोज ने कहा कि उसने सीबीआई के संबंधित अधिकारियों से बात कर ली है और उधर से कहा गया है कि सीबीआई अब उसे प्रताड़ित और गिरफ्तार नहीं करेगी. जिसके बाद मनोज प्रसाद के निर्देश पर साना ने 9 अक्टूबर की सुबह 2 करोड़ रुपये और दिए.   

सतीश साना की शिकायत सीआरपीसी की धारा 164 के तहत रिकॉर्ड कर उसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं बिचौलिए मनोज को 16 अक्टूबर को दुबई से दिल्ली आने पर सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है.