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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते शुक्रवार हुए शूटआउट पर विवाद जारी है. सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मारे गए एपल मैनेजर विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी से मुलाकात की. सोमवार सुबह कल्पना और कल्पना के भाई विष्णु सीएम आवास पहुंचे और मुख्यमंत्री से मुलाकात की. रविवार को ही मुख्यमंत्री ने कल्पना तिवारी से फोन पर बात भी की थी और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया था.

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कल्पना ने कहा, " उन्होंने (मुख्यमंत्री) जो भी मैं कहना चाहती थी, उसे सुना और पूरा आश्वासन भी दिया. मैंने पहले भी कहा था कि मुझे मेरी राज्य सरकार पर पूरा विश्वास है और आज मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद वह विश्वास और मजबूत हो गया."

उन्होंने कहा, " मैं चाहती थी कि मुख्यमंत्री से मिलकर अपने मांगें उनके सामने रखूं. मेरी ये इच्छा पूरी हो गई. मेरे पति को जो निर्मम हत्या हुई है, हत्यारों को कठोर से कठोर सजा मिले, ये मांग पूरी हो गई. मेरी नौकरी, रहने की समस्या, बेटियों की पढ़ाई की मांग भी पूरी हुई. मेरी सास और बच्चों की भविष्य की चिंता. ये सभी बात मैंने उठाई और मुख्यमंत्री जी ने मेरी सभी मांगों को मान लिया. उन्होंने कहा कि परिवार को फिर से खड़ा करने में सरकार पूरी मदद करेगी. मैं उनकी बातों से सहमत और संतुष्ट हूं."

सूबे के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा खुद कल्पना को लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे. कल्पना के साथ उनकी दोनों बेटियां भी मौजूद थीं. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ है और उनकी हरसंभव मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने परिवार को मदद का भरोसा भी दिलाया है.

मुख्यमंत्री से मिलने के बाद कल्पना तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें 25 लाख रुपये का मुआवजा, दोनों बेटी और विवेक की मां के लिए 5-5 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपोजिट देने का फैसला किया है. इसके अलावा राज्य सरकार परिवार के लिए आवास की भी व्यवस्था करेगी.

बता दें कि योगी से पहले राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री कल्पना तिवारी से मुलाकात कर चुके हैं. योगी ने फोन पर उन्हें कहा था कि डिप्टी सीएम के जरिए वह किसी भी तरह की मदद मांग सकती हैं.

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रविवार को डिप्टी CM से मुलाकात के बाद ही कल्पना तिवारी ने इस मामले की जांच CBI को सौंपने से इनकार कर दिया था. वह चाहती हैं कि SIT ही इसकी जांच करे. गौरतलब है कि FIR को लेकर उठे सवालों के बाद अब पुलिस ने मृतक विवेक की पत्नी की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है.

इससे पहले पुलिस ने घटना के वक्त विवेक के साथ कार में मौजूद उनकी सहकर्मी सना के नाम से एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें बहुत ही होशियारी के साथ ये साबित करने की कोशिश की गई थी कि पुलिस ने विवेक पर गोली ही नहीं चलाई.

बता दें कि विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में सोमवार को सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने यूपी पुलिस के दावों की पोल खोलकर रख दी है. घटना के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों ने बताया था कि विवेक तिवारी की गाड़ी खड़ी थी. जबकि तस्वीरों में साफ है कि गाड़ी चलती पाई गई. आरोपी प्रशांत चौधरी ने दावा किया था कि विवेक ने उसके ऊपर तीन बार गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की, लेकिन तस्वीरें बताती हैं कि गाड़ी पहले चल रही थी. यानी मौके पर मृतक विवेक के साथ मौजूद उसकी महिला का दावा सही पाया गया है.