प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीIANS

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर में जारी विरोध के बीच पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार, 30 दिसंबर को खुद मैदान में उतरे और नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक हैशटैग की शुरुआत की. पीएम मोदी ने narendramodi_in के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''#IndiaSupportsCAA क्योंकि सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) अत्याचार के शिकार शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए है न कि नागरिकता से दूर करने के लिए है.''

पीएम ने लोगों से इस अभियान का समर्थन करने की अपील की. पीएम मोदी के मुहिम शुरू करने के एक घंटे के अंदर ट्विटर पर यह टॉप ट्रेंड बन गया. केंद्रीय मंत्री मंत्री पीयूष गोयल, नितिन गडकरी ने मोदी की इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए ट्वीट किए.

पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा कि नमो ऐप के वॉलिंटियर मॉड्यूल के वाइस सेक्शन में मजेदार कंटेंट, ग्रॉफिक्स और अन्य को देखने के लिए इस हैशटैग को देखें. पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा है कि इस हैशटैग के जरिए सीएए के पक्ष में अपना समर्थन दें.

बता दें कि बीजेपी ने पिछले हफ्ते 22 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में 'आभार रैली' का आयोजन किया था. इस रैली को पीएम नरेंद्र मोदी ने भी संबोधित किया. पीएम मोदी ने मंच से नागरिकता संशोधन कानून पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि अगर आपको मैं पसंद नहीं हूं, मोदी से नफरत है, तो मोदी के पुतले को जूते मारो, मोदी का पुतला जलाओ लेकिन देश के गरीब का ऑटो मत जलाओ, किसी की संपत्ति मत जलाओ. सारा गुस्सा मोदी पर निकालो. हिंसा के बल पर आपको क्या मिलेगा. कुछ लोग पुलिस वालों पर पत्थर बरसा रहे हैं. पुलिस वाले किसी के दुश्मन नहीं होते. आजादी के बाद 33 हजार हमारे पुलिस भाइयों ने शांति और सुरक्षा के लिए शहादत दी है. ये आंकड़ा कम नहीं होता है.

पीएम मोदी ने कहा ने कहा था कि जब हमने 8 करोड़ लोगों को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए तो क्या हमने उनका धर्म पूछा, उनकी जाति पूछी, हमने सिर्फ गरीब को गरीबी को देखा. मैं पूछना चाहता हूं कांग्रेस नेताओं से कि आप क्यों देश की जनता से झूठ बोल रहे हो, क्यों उन्हें भड़का रहे हो. ये लोग देश को गुमराह कर रहे हैं. आज ये लोग कागजों के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं. झूठे आरोप लगाकर भारत को दुनिया में बदनाम किया जा रहा है. ये लोग साजिश रच रहे हैं.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.