सरकार ने व्हाट्सएप से भेजे गए भड़काऊ संदेश की कूटभाषा संबंधी जानकारी 'डिक्रिप्शन' नहीं मांगी है. सरकार ने स्‍पष्‍ट किया है कि भड़काऊ संदेश भेजने वाले व्यक्ति की पहचान और उसके स्थान के बारे में जानकारी मांगी है. व्हाट्सएप पर भड़काऊ संदेशों के प्रसारित होने से कई बार हिंसा और जघन्य घटनायें हो जाती हैं.

सरकार ने व्हाट्सऐप से एक बार फिर कहा है कि वह मैसेज के बारे में किसी भी तरह की जानकारी ना दें लेकिन मैसेज भेजने वाले की लोकेशन और उसकी पहचान की जानकारी सांझा करें. आगे सरकार ने कहा है कि यह स्टेप फेक न्यूज को रोकने में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.

आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मामले पर कहा हैं कि हम फेक न्यूज और अफवाह फैलाने वाले मैसेज को भेजने वालों की जानकारी चाहते हैं और हम नहीं चाहते हैं कि व्हाट्सऐप के मैसेज को डीक्रिप्ट किया जाए. लेकिन हम चाहते हैं कि हमें उन लोगों की पहचान मिल जाए, जो कि इस तरह की फेक न्यूज को फैलाने का काम करते है.

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा हैं कि व्हाट्सऐप की टीम ने इस केस पर उन्हें भरोसा दिलाया हैं कि वे इस मामले पर सोच-विचार करेंगे. वहीं कुछ महीनों से भारत सरकार व्हॉट्सएप पर फेक न्यूज को रोकने के लिए दवाब बना रही है.

व्हाट्सएप के उपाध्यक्ष क्रिस डेनियल्स के साथ बैठक के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, "मैंने किसी चीज के बारे में पता लगाने की क्षमता पैदा करने की बात की है. संदेशों को डिकोड करने की बात नहीं की है." उन्होंने कहा, "हमें जघन्य अपराध, गंभीर जुर्म और हिंसा भड़काने वाले व्हाट्सएप संदेशों के प्रेषक की पहचान और स्थान की जानकारी चाहिये." केंद्रीय मंत्री ने कहा कि व्हाट्सएप टीम ने हमें भरोसा दिया है कि वे इस मामले में विचार करेंगे और जवाब देंगे.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने फेसबुक की स्वामित्व वाली व्हाट्सएप को भ्रामक, भड़काऊ सूचनाओं और संदेशों पर अंकुश लगाने के लिये जरूरी कदम उठाने को कहा है. प्रसाद ने कहा, "मैंने क्रिस डेनियल्स और उनके टीम के साथ मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की. उन्होंने आश्वस्त किया कि हमने भारत के लिये शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया है. मैंने अधिकारी के भारत में ही बैठने का सुझाव दिया है."

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि व्हाट्सएप चुनावों के दौरान संदेश प्रसारित करने का प्रमुख जरिया होता है. इसलिए इस प्लेटफार्म की सत्यनिष्ठा को बनाए रखना जरूरी है.