विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा
विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव विदिशा मैत्राTwitter / @ANI

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के लगभग 17 मिनट बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने 50 मिनट के भाषण में खान ने भारत की एक गलत और मनगढ़त छवि पेश करने की कोशिश की जिससे अतंरराष्ट्रीय बिरादरी को गुमराह किया जा सके। शनिवार को विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने इसका करारा जवाब दिया।

विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने पाक पीएम की स्पीच पर भारत के राइट टू रिप्लाई के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के हर झूठ को बेनकाब करते हुए साफ कहा कि परमाणु हमले की धमकी देकर इमरान खान ने अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की है।

इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र के मंच का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। संयुक्त राष्ट्र महासभा सभागार के मंच से करीब 50 मिनट तक दिए भाषण में खान ने परमाणु युद्ध का राग अलापते हुए आधा समय कश्मीर और भारत पर बोला।

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संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने कहा कि पाकिस्तान ने खुलेआम अलकायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन का बचाव किया था। 

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इमरान के दिए भाषण को हेट स्पीच बताते हुए कहा कि उन्होंने इस वैश्विक मंच का दुरुपयोग किया है। भारत ने इमरान के नस्लीय संहार, ब्लड बाथ, नस्लीय सर्वोच्चता, बंदूकें उठा लो जैसे एक-एक शब्द को गिनाते हुए कहा कि यह उनकी मध्यकालीन मानसकिता को दिखाती है। विदिशा ने यूएन में साफ कहा कि इमरान खान की बोली हर बात झूठ है।

MEA की प्रथम सचिव ने कहा कहा कि क्या पाकिस्तान के पीएम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं उनका देश UN द्वारा घोषित 130 आतंकियों और 25 आतंकी संगठनों की शरणस्थली है। क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार करेगा कि 27 में से 20 पैरामीटर्स के उल्लंघन के कारण फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स ने उसे नोटिस दे रखा है। क्या पीएम इमरान खान न्यू यॉर्क शहर से इनकार करेंगे कि वह ओसामा बिन लादेन का खुले तौर पर बचाव करते रहे हैं।

भारत की प्रथम सचिव ने कहा कि अब चूंकि पाक पीएम ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि वह ऑब्जर्वर भेजकर यह जांच करा ले कि पाकिस्तान में आतंकी नहीं हैं। क्या इमरान खान यह बताएंगे कि आतंकियों को पेंशन क्यों दी जा रही है। क्या इस बात से इनकार करेंगे कि वह ओसामा बिन लादेन का बचाव करते रहे हैं।

पाकिस्तान पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार करेगा दुनिया में केवल वहां की सरकार ही है जो संयुक्त राष्ट्र की अल कायदा और दाएश प्रतिबंध सूची में मौजूद आतंकियों को पेंशन देती है।

भारत ने कहा कि इमरान खान अपने झूठ से मानवाधिकार का चैंपियन बनना चाहता है। जबकि सच्चाई यह है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है। विदिशा मैत्रा ने कहा कि पीएम इमरान खान नियाजी को यह नहीं भूलना चाहिए कि 1971 में पाकिस्तान ने अपने ही लोगों पर अत्याचार किए थे और इसी वजह से बांग्लादेश की स्थापना की गई थी।

विदिशा ने कहा है कि यह एक ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यक समुदाय 1947 में 23% से सिकुड़कर 3% रह गया है। पाकिस्तान में ईसाई, सिख, अहमदिया, हिंदू, शिया, पश्तून, सिंधी और बलूचों को ईश निंदा कानून के तहत प्रताड़ित किया जाता है और वे जबरन धर्मांतरण का शिकार हो रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र को अनुच्छेद 370 पर फैसले की सच्चाई से रूबरू कराते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत के पुराने कानून को जो हटाया गया है, पाकिस्तान इस पर गलत बातें फैला रहा है। भारत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को मुख्यधारा में शामिल करना चाहता है। भारत के लोगों को किसी भी दूसरे देश खासतौर पर जिसने नफरत की विचारधारा से आतंकवाद की फैक्ट्री बनाई है, की तरफ से सलाह या नसीहत लेने की जरूरत नहीं है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में अपने संबोधन के दौरान एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर से कर्फ्यू हटने के बाद वहां काफी खून-खराबा होगा। इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां अपने संबोधन में दुनिया को शांति का संदेश दिया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खानTwitter / @ANI

इमरान ने परमाणु युद्ध की धमकी देते हुए कहा, "मैं सोचता हूं कि मैं कश्मीर में होता और 55 दिनों से बंद होता, तो मैं भी बंदूक उठा लेता। आप ऐसा करके लोगों को कट्टर बना रहे हैं। मैं फिर कहना चाहता हूं कि यह बहुत मुश्किल समय है। इससे पहले कि परमाणु युद्ध हो, संयुक्त राष्ट्र की कुछ करने की जिम्मेदारी है। हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं। अगर दो देशों के बीच युद्ध हुआ तो कुछ भी हो सकता है।"

उन्होंने कहा, "कश्मीर में लोगों को जानवरों की तरह क्यों बंद कर दिया गया है। वे इंसान हैं। कर्फ्यू उठ जाएगा तो क्या होगा। तब मोदी क्या करेंगे। उन्हें लगता है कि कश्मीर के लोग इस स्थिति को स्वीकार कर लेंगे? कर्फ्यू उठने के बाद कश्मीर में खून की नदियां बहेंगी, लोग बाहर आएंगे। क्या मोदी ने सोचा कि तब क्या होगा?"