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सांकेतिक तस्वीरReuters

दुनिया में लगतार फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण का आर्थिक गतिविधयों पर असर गहराने से देश दुनिया के शेयर बाजार में सोमवार को बड़ी गिरावट आयी। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 1,941 अंक का गोता लगा गया और इस गिरावट से स्थानीय बाजार में निवेशकों की बाजार हैसियत पर करीब 7 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी। कोरोना वायरस के तेजी से फैलने तथा तेल के दाम में बड़ी गिरावट के साथ वैश्विक बाजारों में नरमी का असर घरेलू बाजार पर पड़ा।

तीस शेयरों वाला बीएसई 30 सेंसेक्स दिन में एक समय 2,467 अंक लुढ़क गया था। पर अंत में यह पिछले बंद से 1,941.67 अंक यानी 5.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 35,634.95 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 538 अंक यानी 4.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,451.45 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में ओएनजीसी को सर्वाधिक 16 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। रिलांयस इंडस्ट्रीज, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, टीसीएस, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक तथा बजाज ऑटो को भी बड़ा घाटा हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज 12 प्रतिशत से अधिक टूटा। एस बैंक के अधिग्रहण के बारे में एसबीआई के ताजा बयान के बाद उसका शेयर 6 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया।

स्टेट बैंक ने कहा है कि वह 2,450 करेाड़ रुपये में यस बैंक की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा। यस बैंक 31 प्रतिशत मजबूत हुआ। कारोबारियों के अनुसार घरेलू शेयरों में व्यापक बिकवाली देखी गयी।

कोरोना वायरस के तेजी से फैलने तथा तेल के दाम में तेज गिरावट के साथ वैश्विक बाजारों में नरमी के बीच घरेलू बाजार में गिरावट दर्ज की गयी। चीन , हांगकांग, दक्षिण कोरिया और जापान प्रमुख शेयर सूचकांकों में 5 प्रतिशत के दायरे में गिरावट रही।

सोमवार को भारतीय समयानुसार दोपहर बाद खुले यूरोपीय बाजारों भी शुरू में गिरावट दर्ज की गयी। कच्चे तेल के दाम में तीव्र गिरावट के कारण भी बाजार में उतार-चढ़ाव आया।

सऊदी अरब के तेल कीमत घटाने के बाद कच्चे तेल बाजार में कीमत युद्ध शुरू हो गया है। तेल बाजार में कीमतों को गिरने से रोकने के लिए प्रमुख उत्पादकों के बीच उत्पादन में कटौती का समझौना नहीं हो सका है। उसके बाद सऊदी अरब ने यह कदम उठाया है।

ब्रेंट क्रूड वायदा बाजार में एक समय 30 प्रतिशत तक लुढ़क गया था। बावजूद इसका वायदा भाव 18.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36.97 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.