REUTERS/Anindito Mukherjee
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मोदी सरकार के आखिरी बजट को लेकर तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए, वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सरकार 1 फरवरी यानी शुक्रवार को आम बजट नहीं बल्कि अंतरिम बजट ही पेश करेगी. पूर्ण बजट पेश करने की खबरों को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है.

परंपरा के अनुसार, केंद्र चुनावी वर्ष में अंतरिम बजट या खाता प्रस्तुत करता है. वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने संवाददाताओं को बताया, "इस बजट को अंतरिम बजट 2019-20 कहा जाएगा इसलिए इस मुद्दे पर कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए."

इससे पहले, खबरें आ रही थी शुक्रवार को मोदी सरकार जो बजट पेश करेगी वह आम बजट 2019-20 होगा. आम बजट होने का मतलब है कि पूरे साल भर के लिए सरकार अपना लेखा-जोखा पेश करेगी.

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, यह वोट ऑन अकाउंट ही होगा. लेकिन, सुविधा के अनुसार इसे अंतरिम बजट या आम बजट दोनों कहा जा सकता है. सूत्रों की मानें तो यह भी कहा जा रहा है कि सरकार इस बार बजट डॉक्यूमेंट्स में अंतरिम शब्द का इस्तेमाल नहीं करेगी.

अंतरिम बजट केवल तीन महीने की अवधि के लिए प्रस्तुत किया जाता है और पूर्ण विकसित बजट जुलाई में नई सरकार द्वारा प्रस्तुत किया जाता है. पूर्व की कुछ सरकारों ने अंतरिम बजट में कई बड़ी की घोषणाएं भी की हैं.

वित्त मंत्रालय की इस घोषणा का सीधा मतलब होगा कि अब प्रत्यक्ष करों में कोई रियायत पेश नहीं की जायेगी. परंपरा के अनुसार, सरकार अंतरिम बजट में किसी भी ऐसे प्रत्यक्ष कर प्रस्ताव की घोषणा करने से बचती है जिसमें आयकर अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता हो सकती है.

चुनावी साल में आमतौर पर नई सरकार बनने तक चार महीने के लिए प्रशासनिक कार्यो और विकासपरक परियोजनाओं पर खर्च के लिए अंतरिम बजट संसद में पेश किया जाता है. लेकिन कई लोगों का मानना है कि इस साल बीजेपी सरकार सभी परंपराओं को तोड़ते हुए यह एक असरदार बजट पेश कर सकती है, जिसमें आयकर में रियायत की सीमा में वृद्धि और किसानों के लिए राहत पैकेज शामिल हो सकते हैं, ताकि लोकसभा चुनाव से पहले कई वर्गो को खुश किया जा सके.

पिछली सरकारों ने अप्रत्यक्ष कर दरों में बदलाव किया है लेकिन चूंकि वस्तु एवं सेवा कर (GST) अब GST परिषद के दायरे में आता है, इसलिए संसद केवल सीमा शुल्क दरों में बदलाव कर सकती है. गौरतलब है कि संविधान में ऐसा कोई कानून या प्रावधान नहीं है जो सरकार को छठा पूर्ण बजट पेश करने से रोकता हो.

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मीडिया में ऐसी खबरें थीं कि केंद्र सरकार टैक्स स्लैब की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख करने की योजना बना रहा है. इसके अलावा न्यूनतम आय की गारंटी (यूबीआई) की शुरुआत की संभावना की खबरें भी तैर रही थीं, और ऐसे में वित्त मंत्रालय द्वारा किए गए इस स्पष्टीकरण ने ऐसी तमाम अटकलों को पूरी तरह समाप्त नहीं किया है.

अंतरिम बजट के साथ आने वाले वित्त विधेयकों में 7-10 पृष्ठ के छोटे दस्तावेज होते हैं जो मौजूदा बजटीय प्रावधानों को 30 अप्रैल से 31 जुलाई तक बढ़ाते हैं. इसके अलावा, सरकार अंतरिम बजट में वित्त विधेयक नहीं लाती है या फिर आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं करती है.

अभी वित्त मंत्रालय का कामकाज देख रहे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अपने पहले बजट भाषण के बड़े हिस्से में सरकार की विभिन्न पहलों एवं भविष्य के अजेंडे का बखान कर सकते हैं. अटकलें लग रही हैं कि गोयल टैक्स पर राहत देने के लिए स्लैब में बदलाव करेंगे या फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 40 हजार रुपये से बढ़ाने का ऐलान होगा. चर्चा इस बात की भी है कि वह मेडिकल इंश्योरेंस लेने पर छूट के ऐलान तक ही सीमित रह सकते हैं.

बहरहाल, मोदी सरकार से इस बजट में बड़े-बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है, लेकिन आशंका यह भी है कि अंतरिम बजट की बाध्याताओं के कारण ऐसा संभव नहीं हो. हालांकि, अमेरिका में इलाज करा रहे निवर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में संकेत दिया था कि सरकार अर्थव्यवस्था की तात्कालिक चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठा सकती है. इसलिए, उम्मीद की जा रही है कि इस बार के कृषि संकट और इसका अर्थव्यवस्था पर असर जैसे मुद्दे बजट की प्राथमिकता में शामिल रह सकते हैं.

केंद्र सरकार 1 फरवरी को अंतिम बजट पेश करेगी. 1 फरवरी को लोकसभा में सरकार सुबह 11 बजे बजट पेश करेगी. बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा. सबसे पहले केंद्र सरकार बजट में 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक सरकार की आय और खर्चों की जानकारी देगी फिर बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री अपना बजट भाषण पढ़ेंगे. 1999 से पहले बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. 1999 में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के समय ये परंपरा बदली गई. अब 11 बजे बजट पेश होता है.

सबसे पहले संसद भवन में डॉक्यूमेंट्स लाए जाएंगे. फिर केबिनेट मीटिंग होगी, जिसकी अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे. मीटिंग में बजट से जुड़े अहम विषयों पर फैसला लिया जाएगा. जिसके बाद वित्त मंत्री बजट पेश करेंगे. वित्त मंत्री अरुण जेटली की सेहत खराब होने के चलते पियूष गोयल को वित्त मंत्रालय का कार्यवाहक प्रभार दिया है. पियूष गोयल 2019 का बजट पेश करेंगे. अरुण जेटली अमेरिका के एक हॉस्पिटल में अपना इलाज करा रहे हैं.