सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरGetty Images

शिवसेना ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी के भारत को "कांग्रेस-मुक्त" (कांग्रेस से मुक्त) बनाने का सपना उन तीन महत्वपूर्ण राज्यों में धूल में मिल गया है, जहां वे सत्ता में थे, और अन्य दो राज्यों में वे बिलकुल खात्मे के कगार पर पहुँच गए हैं. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के जरिए बीजेपी पर जोरदार हमला किया है.

बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला करते हुए इसमें लिखा गया है, 'प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह किनारे पर आ गए हैं और राहुल गांधी 'मेरिट' अर्थात मेधावी सूची में चमकने लगे हैं. मोदी का उदय तथा बीजेपी की विजयी यात्रा जिन राज्यों से शुरू हुई थी, वहीं पर बीजेपी के रथ के पहिये धंस गए हैं. अब मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए ही चार राज्यों में बीजेपी को जबरदस्त झटका लगा है."

इसमें कहा गया है कि बीजेपी ने पहले मित्रों को भगाया और अब महत्वपूर्ण राज्यों को गंवा दिया, गप मारकर हमेशा नहीं जीता जा सकता. राजस्थान में किसान मुश्किल में हैं. मध्य प्रदेश में न्याय मांगने सड़क पर उतरे किसानों पर गोलियां बरसाई गर्इं जिसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माफी मांगी, लेकिन किसानों ने इसका बदला मतपेटी के जरिए लिया.

नोटबंदी जैसे दिखावटी निर्णय से अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई. लोगों का रोजगार चला गया और महंगाई बढ़ गई. जनता झुलस रही थी, उस समय हमारे प्रधानमंत्री दुनिया की राजनीति करते 'उड़ते' रहे. वे सीधे चार राज्यों के चुनाव प्रचार में अवतरित हुए.

इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बचकाना बयान दिए कि राहुल गांधी मुझे भारत माता की जय बोलने से रोक रहे हैं या राम मंदिर निर्माण में कांग्रेस रुकावटें डाल रही है. यह बयान उन पर ही उलट गया. नोटबंदी का सर्जिकल स्ट्राइक गांधी परिवार से पूछ कर नहीं किया था, इस बात को वे भूल गए.

राम मंदिर का वचन भी उन्होंने नहीं निभाया. जो उर्जित पटेल नोटबंदी का समर्थन कर रहे थे, उन्होंने भी परेशान होकर रिजर्व बैंक के गवर्नर पद को छोड़ दिया है. हिंदुस्तान चार-पांच व्यापारियों के दिमाग से चलाया जा रहा है और उससे रिजर्व बैंक जैसी संस्था टूट रही है. दुनिया में इतनी आर्थिक अराजकता कभी नहीं मची होगी.

लोकतंत्र में पैसा, ईवीएम घोटाला, आतंकवाद की परवाह न करते हुए हवा में उड़ने वालों को जनता ने जमीन पर उतार दिया है. जनता के धैर्य को साष्टांग दंडवत! बीजेपी की चाणक्य मंडलियों ने अजीत जोगी को तोड़कर उनसे अलग पार्टी बनवाई और उन्हें चुनाव मैदान में उतार दिया. इस चाणक्य नीति को तोड़-फोड़कर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विजयी हुई.