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कांग्रेस नेता शशि थरूर एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं. इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बयान दिया है, जिसकी वजह से विवाद होता जा रहा है. विवाद के बाद थरूर को सफाई भी पेश करना पड़ी.

पंडित नेहरू की 129वीं जयंती की पूर्व संध्‍या पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पुस्तक "नेहरू: द इन्वेंशन ऑफ इंडिया' का पुनर्विमोचन हुआ. इस अवसर पर थरूर ने अपनी किताब के इस किस्‍से को शेयर किया. तिरुअनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने इस मौके पर कहा कि लोकतांत्रिक संस्‍थाओं को मजबूत किया और हमेशा रचनात्‍मक आलोचना को प्रोत्‍साहित किया. इसी कड़ी में उन्‍होंने कहा, ''इस कारण यदि आज एक चायवाला देश का प्रधानमंत्री बना है तो ऐसा इसलिए संभव हो सका क्‍योंकि पंडित नेहरू ने ऐसी संस्‍थागत संरचनाओं का निर्माण किया जिनके कारण कोई भी भारतीय देश के सर्वोच्‍च पद तक पहुंच सकता है.''

इसके साथ ही थरूर ने कहा कि नेहरू ने हमेशा इस विचार को आगे रखा कि देश किसी व्यक्ति से महत्वपूर्ण है और संस्थाओं का सम्मान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज अगर देश में लोकतंत्र कायम है तो उसमें देश के पहले प्रधानमंत्री का सबसे अहम योगदान है.

नेहरू की आलोचना करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए थरूर ने कहा कि नेहरू ने देश को आईआईटी, आईआईएम, इसरो, डीआरडीओ और कई अहम संस्थान दिए और देश के विकास की मजबूत बुनियाद डाली. लोगों को आजादी के समय के भारत की स्थिति के बारे में जानना चाहिए, उसके बाद उन्हें पता चलेगा कि नेहरू ने भारत को किस तरह से विकास के पथ पर आगे बढ़ाया.

शशि थरूर के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा ऐतराज जताया, जिसके बाद थरूर को सफाई भी देनी पड़ी. शशि थरूर के इस बयान पर बीजेपी तंज कसा. बीजेपी की ओर से ट्वीट किया गया कि आपके बयान में थोड़ा करेक्शन है, आज अगर मानवता है तो सिर्फ नेहरू की वजह से ही है. उनके रोल को सिर्फ प्रधानमंत्री बनाने तक ही सीमित ना करें.

विवाद के बाद शशि थरूर ने सफाई देते हुए कहा कि जो मैंने बयान दिया है उससे मेरा मतलब ये था कि कोई सामान्य व्यक्ति भी देश के सर्वोच्च पद पर पहुंच सकता है. ये लोकतंत्र की महानता है. मेरा मकसद किसी की छवि को नुकसान पहुंचाना नहीं था.

आपको बता दें कि शशि थरूर ने जवाहर लाल नेहरू पर एक किताब लिखी है. जिसका विमोचन मंगलवार रात को किया गया, इस मौके पर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी भी मौजूद रहीं.