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कर्नाटक के 32वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते ही बी एस येदियुरप्पा ने सभी विभागों के प्रमुखों को तमाम नई परियोजनाओं से जुड़े कुमारस्वामी सरकार द्वारा इस महीने जारी किए गए आदेशों को अगली समीक्षा तक स्थगित रखने का निर्देश दिया है। शपथ लेते ही उन्होंने सूबे के किसानों को बड़े तोहफे का ऐलान किया। येदियुरप्पा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि राज्य के किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना के अलावा दो हजार रुपये की दो किस्तें अलग से दी जाएंगी।

बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कहा कि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत सरकार लाभार्थियों को चार हजार रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान करेगी। इस योजना के तहत छह हजार रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने बुनकरों के कर्ज माफ करने का भी ऐलान किया। यह रकम फिलहाल 100 करोड़ रुपये है।

येदियुरप्पा ने उन सभी ट्रांसफर पर रोक लगा दी है, जिन्हें मंजूरी तो मिल गई थी लेकिन क्रियान्वित नहीं किया गया था। विभिन्न विभागों के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों और सचिवों को लिखे पत्र में मुख्य सचिव टी एम विजय भास्कर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जुलाई, 2019 में जिन भी नई परियोजनाओं को लेकर आदेश जारी किया गया है, उन्हें तत्काल प्रभाव से अगली समीक्षा तक स्थगित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन तबादला प्रस्तावों को जुलाई में मंजूर किया गया लेकिन लागू नहीं किया गया, उन्हें अगले आदेशों तक रोक दिया जाए।

शपथ ग्रहण के बाद येदियुरप्पा ने कहा, 'राज्य के जिन लोगों ने मुझे सीएम बनने का मौका दिया, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। मेरा मुख्यमंत्री का पद राज्य के लोगों के प्रति सम्मान है। मैं 29 जुलाई को 10 बजे बहुमत साबित करूंगा और फाइनैंस बिल पास करवाऊंगा।' येदियुरप्पा ने कहा कि किसान पुत्र होने के नाते सूखे से जूझ रहे किसानों की मदद करना उनकी प्रतिबद्धता में शामिल है। पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई फसल कर्ज माफी योजना को लेकर येदियुरप्पा ने कहा कि वह समीक्षा के बाद इस पर फैसला लेंगे।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार विपक्षी कांग्रेस और जद(एस) के साथ बदले की भावना के साथ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। उनके इस बयान को विपक्षी दलों (कांग्रेस-जदएस) के साथ सौहार्द्रपूर्ण रिश्तों की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है जो पहले भाजपा पर अपनी सरकार को अस्थिर करने के लिए खरीद फरोख्त का आरोप लगा रहे थे।

उन्होंने कहा कि मैं कर्नाटक की जनता और विपक्षी दलों को आश्वस्त करता हूँ कि किसी भी परिस्थिति में प्रतिशोध की राजनीति को बढ़ावा नहीं दूंगा। येदियुरप्पा ने कहा कि भले ही कोई मुझमें दोष निकाले, मैं मानवीय व्यवहार करुंगा। मैं 'भूल जाओ और माफ करो की नीति में विश्वास करता हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में 14 माह से प्रशासनिक ठहराव की स्थिति थी और अगले तीन से चार माह में लोग बदलाव को खुद महसूस करेंगे।

आपको बता दें कि बेंगलुरु स्थित राजभवन में राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिलाई। विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए येदियुरप्पा को 31 जुलाई तक का वक्त दिया गया है। शपथ के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि वह 29 जुलाई यानी सोमवार को बहुमत साबित करेंगे।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक के चौथी बार मुख्यमंत्री बने बी. एस. येदियुरप्पा को बधाई दी और विश्वास जताया कि पार्टी राज्य में उनके नेतृत्व में स्थिर, किसान समर्थक और विकासोन्मुखी सरकार देगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया, 'कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा को बधाई। मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में बीजेपी राज्य में स्थिर, किसान समर्थक और विकासोन्मुखी सरकार देगी। मैं कर्नाटक के लोगों को आश्वास्त करता हूं कि बीजेपी उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।'

कांग्रेस और जेडीएस ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण कार्यक्रम का बहिष्कार किया। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए येदियुरप्पा ने सूबे के सभी विधायकों को न्योता दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी और कांग्रेस के विधायक दल के नेता सिद्धारमैया को भी न्योता भेजा गया था लेकिन दोनों नेता कार्यक्रम में शरीक नहीं हुए। फिलहाल येदियुरप्पा के अलावा किसी मंत्री को शपथ नहीं दिलाई गई है। इसके बारे में येदियुरप्पा ने कहा है कि वह अमित शाह से मुलाकात के बाद इस बारे में फैसला लेंगे।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।