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सांकेतिक तस्वीरReuters

विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने 13 जनवरी को चेन्नई-बेंगलुरु उड़ान में एक वरिष्ठ नागरिक को कथित तौर पर डराने और धमकाने के लिए इंडिगो के एक कैप्टन को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया।

एक अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि विमान पायलट ने यात्रियों- वरिष्ठ नागरिक और उनकी बेटी से माफीनामा लिखवाने पर ''जोर'' दिया। इस कारण से देरी भी हुई और बेंगलुरु हवाई अड्डे पर विमान से उतारे जाने के बाद उनको करीब 75 मिनट तक रोक कर रखा गया।

अधिकारी ने कहा कि यह साबित हुआ कि वरिष्ठ नागरिक यात्री के प्रति कमान पायलट का व्यवहार डराने और धमकाने वाला था। उनके अंदर सहानुभूति की भावना नहीं थी। डीजीसीए ने तीन महीने के लिए उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया है।

पत्रकार सुप्रिया उन्नी नायर ने कई ट्वीट के जरिए घटना के बारे में बताया था। उन्होंने 13 जनवरी की रात बेंगलुरु में उतरने के बाद 75 वर्षीय अपनी मां के वास्ते व्हीलचेयर के लिए कहा था। नायर के ट्वीट के मुताबिक, चालक दल के सदस्य ने कहा कि व्हीलचेयर की मदद नहीं दे सकते। नायर ने कहा था कि इस मुद्दे पर बहस होते देख कमान पायलट आए और नायर और उनकी मां को धमकाया।

विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 14 जनवरी को ट्विटर पर लिखा था, ''मैंने अपने कार्यालय को जल्द से जल्द इंडिगो से संपर्क करने को कहा है क्योंकि मैंने व्हीलचेयर की मदद को लेकर उनकी और उनकी मां के प्रति पायलट के व्यवहार के बारे में ट्वीट देखे हैं।''

उन्होंने कहा कि विमान कंपनी ने नागर विमानन मंत्रालय को सूचित किया कि जांच पूरी होने तक पायलट को ड्यूटी से अलग रखा गया है।

डीजीसीए के अधिकारी ने सोमवार को बताया कि उनकी जांच में पाया गया कि कैप्टन ने नायर और उनकी मां को यह कहकर धमकाया कि उन्हें सीआईएसएफ के हवाले कर दिया जाएगा और पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.