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Twitter / @virendersehwag

शुक्रवार को टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी माने जाने वाले राहुल द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी, 1973 को मध्य प्रदेश में हुआ था. अंडर-19 और इंडिया 'ए' टीम के मौजूदा कोच और टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर रह चुके राहुल द्रविड़ को 'द वॉल' और 'मिस्टर भरोसेमंद' जैसे नाम से जाना जाता है.

द्रविड़ ने कई मुश्किल मौकों पर टीम इंडिया को जीत दिलाई है. इसके अलावा द्रविड़ टीम इंडिया की कप्तानी भी कर चुके हैं. द्रविड़ के जन्मदिन के खास मौके पर उनके साथी क्रिकेटर रहे वीरेंद्र सहवाग ने उन्हें अपने खास अंदाज में जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं.

वीरू ने द्रविड़ के साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा, 'दीवारों के भी कान होते हैं, इस दीवार का बहुत साफ मन और हृदय भी है. उनके साथ खेलना और कई यादें बनाना खास रहा. #HappyBirthdayRahulDravid'

15 साल के अपने लंबे करियर में राहुल द्रविड़ इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टी-20 में डेब्यू करने से पहले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया. आज जब अधिकांश खिलाड़ी टी-20 खेलने का लोभ नहीं छोड़ पाते राहुल ने समझ लिया था कि टी-20 युवाओं का खेल है. उन्होंने एकमात्र खेले टी-20 में 21 गेंदों पर शानदार 31 रनों की पारी खेली थी. इसमें तीन छक्के शामिल थे.

राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक गेंदों का सामना किया है. टेस्ट की 286 पारियों में उन्होंने 31, 258 गेंदों का सामना किया और 13288 रन बनाए. टेस्ट में सबसे अधिक (210) कैच पकड़ने का रिकॉर्ड भी राहुल के नाम है. किसी भी गैर विकेटकीपर द्वारा लिए गए यह सबसे अधिक कैच हैं. विदेशी पिचों पर राहुल सबसे अधिक सफल बल्लेबाज रहे हैं. 20 जून 1996 को इंग्लैंड के लॉर्ड्स में टेस्ट डेब्यू करने वाले राहुल ने 95 रन बनाए थे. आधुनिक क्रिकेट में राहुल इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने लगातार चार टेस्ट में चार शतक लगाए. उन्होंने 115,148 और 201 रनों की पारी में इंग्लैंड दौरे पर लगाए. इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में राहुल ने शतक लगाया.

राहुल की रक्षात्मक तकनीक के कारण उन्हें ब्रांडेड टेस्ट क्रिकेटर कहा गया. हालांकि, वह वनडे के भी शानदार बल्लेबाज थे. 1999 के वर्ल्ड कप में उन्होंने सबसे ज्यादा 461 रन बनाए. वर्ल्ड कप मैचों में वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे. उनका औसत 61.42 का था, जो सिर्फ विवियन रिचर्ड्स (63.31) से पीछे था. जब टीम इंडिया किसी विकेटकीपर को खिलाना अफोर्ड नहीं कर पा रही थी तो द्रविड़ ने यह भूमिका बखूबी निभाई. वह श्रेष्ठ विकेटकीपर साबित हुए. विकेट कीपर के रूप में द्रविड़ ने 73 एक दिवसीय मैचों में 2300 रन बनाए, जो धोनी के बाद सबसे ज्यादा हैं.

द्रविड़ के ऊपर टेस्ट प्लेयर का तमगा लग चुका था लेकिन उन्होंने एक दिवसीय में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया. वह वनडे क्रिकेट में नवें नंबर पर सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने. वह तीसरे ऐसे भारतीय बल्लेबाज बने, जिन्होंने वनडे में दस हजार से अधिक रन (10889) रन बनाए. नवंबर 2003 में द्रविड़ ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हैदराबाद में 22 गेंदों पर 50 रन बनाए. यह उस समय अजित अगरकर के बाद दूसरा सबसे तेज अर्धशतक था.