डॉ विजय माल्या की फाइल फोटो
डॉ विजय माल्या की फाइल फोटोरायटर्स/हन्नाह मैके

भारत में फेरा और कई बैंकों से कर्ज लेकर उसे वापस न लौटने के कई मामलों के आरोपी, शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि वे भारतीय बैंकों का 13,000 करोड़ रूपये का कर्जा वापस लौटाने को तैयार हैं.

इस जाने-माने शराब कारोबारी का कहना है कि वे रोज-रोज की मुक़दमेबाज़ी से थक चुके हैं और भारतीय जांच एजेंसियां जिस तरह से उनके पीछे पड़ी हैं उससे उन्हें बहुत तक़लीफ हुई है.

इसके अलावा माल्या का कहना है कि उन्होंने 15 अप्रैल 2016 काे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखा लेकिन उनकी तरफ से कोई ज़वाब नहीं आया और उल्टे उन्हें भगोड़े आर्थिक अपराधियों का पोस्ट ब्वाय बना दिया गया.

माल्या फिलहाल लंदन में हैं और भारतीय एजेंसियां वहां से उनका प्रत्यर्पण कराने की कोशिश कर रही हैं.

डॉ विजय माल्या की फाइल फोटो
डॉ विजय माल्या की फाइल फोटोरायटर्स

मीडिया को भेजे गए अपने 5 पन्नों के बयान में माल्या ने कहा, "मुझे समान विचारधारा वाले मीडिया और राजनेताओं ने निशाना बनाया हुआ है. मुझे इस तरह पेश किया जा रहा है कि जैसे मैंने भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज़ लिया और जानबूझकर देश छोड़कर भाग गया. मेरे ऊपर झूठे और निराधार आरोप लगा दिए गए. यह सब सरकार और बैंकों के इशारे पर हो रहा है. ईडी ने मेरी और मेरे समूह की कंपनियों से जुड़ी करीब 13,500 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच कर दी हैं."

62 वर्षीय शराब कारोबारी ने आगे लिखा, "सच तो ये है कि मैं भारतीय बैंकों का पूरा कर्ज़ चुकाने को तैयार हूं और इसके लिए अपनी तरफ़ से पूरी ईमानदारी से कोशिश भी कर रहा हूं. अगर राजनीतिक दख़लंदाज़ी बंद हो जाए तो ऐसा कुछ भी नहीं है जो मैं नहीं कर सकता."

ग़ौरतलब है कि अभी हाल में ही ईडी ने अध्यादेश के ज़रिए लागू हुए भगोड़े आर्थिक अपराधी कानून के तहत अदालत में याचिका दायर की है. इसमें अदालत से माल्या को '' घोषित करने और उनकी पूरी संपत्ति तुरंत ज़ब्त करने की मंज़ूरी देने की मांग की है.