उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फाइल फोटो.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फाइल फोटो.रायटर्स

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के सुर में सुर मिलाते हुए लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ करवाने की बात की है. उनका मानना है कि ऐसा करके विभिन्न विकास योजनाओं को पिछड़ने से रोका जा सकता है.

आदित्यनाथ ने एएनआई से कहा, ''समय-समय पर होने वाले विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव और विभिन्न उपचुनावों के चलते लागू होने वाली चुनाव आचार संहिता और चुनावी कार्यो में सरकारी अधिकारियों और सुरक्षाबलों के नियुक्त होने के चलते विकास के कामों में बाधा पहुंचती है. प्रधानमंत्री ने सभी चुनावों को एक साथ करवाने के लिये एक अभियान की शुरुआत की है ताकि हमें पूरे पांच साल सिर्फ चुनावों पर ही ध्यान केंद्रित न करना पड़े.''

उन्होंने आगे कहा, ''हमने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया है और उनसे सिर्फ एक चुनाव की संभावनाओं को टटोलने को कहा है. हम चाहते हैं कि सिर्फ एक ही मतदाता सूची हो जा आधार कार्ड से जुड़ी हुई हो ताकि किसी के भी 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर वह अपने आप ही मतदाता सूची में जुड़ जाए और किसी भी मृत मतदाता का नाम इस सूची से स्वतः ही निकल जाए. हम इस संबंध में केंद्र सरकार को भी एक सिफारिश भेजने जा रहे हैं.''

मोदी और शाह ने पहले ही देश की चुनाव प्रणाली में सुधार के लिये ऐसे ही कदम उठाने के संकेत दिये हैं. दोनों का ही मानना है कि सुविधा और सीमित व्यय के चलते ऐसा करना बेहतर रहेगा. बीजेपी के राष्ट्रीय मासचिव भूपेंद्र यादव ने भी सभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ''एक देश-एक चुनाव'' के संबंध में पत्र लिखा है. यादव ने सभी मुख्यमत्रियों से विपक्षी नेताओं से इस बारे में बात करते हुए सर्वसम्मति बनाने को कहा है.

पूर्व गृहसचिव माधव गोडबोले ने इस मामले में संसद में एक विस्तृत चर्चा के बाद संविधान संशोधन की मांग की है. इसके अलावा सरकार भी इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के साथ वार्ता कर रही है. नीति आयोग ने भी इस संबंध में अपनी सिफारिशें सामने रखी हैं.