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मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (MDMK) चीफ और राज्यसभा सांसद वायको ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर विवादित बयान देते हुए कहा कि जब भारत अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा तो कश्मीर भारत के साथ नहीं होगा.

वायको ने जम्मू कश्मीर से 370 हटाए जाने के फैसले का संसद में भी विरोध किया था. 5 अगस्त को जब 370 हटाए जाने का संकल्प राज्यसभा में पेश किया गया था, तब वायको ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा, 'आज दुख का दिन है क्योंकि हमने अपना वादा तोड़ दिया गया.'

वायको ने राज्‍यसभा में कहा कि कश्मीरी नेता शेख अब्दुल्ला ने भारत के साथ जाने का फैसला किया था और एक शर्त रखी कि कश्मीर व्यक्तित्व और मौलिकता से समझौता नहीं किया जाएगा.

वायको ने संसद में कांग्रेस पर भी हमला बोला. उन्‍होंने कहा कि इतने वर्षों में कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की है.

जब पाकिस्तानी सेना कश्मीर में घुसी थी तब महाराजा हरि सिंह ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से मदद मांगी थी और इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर दस्तखत किए गए. वायको ने कहा था कि कश्मीरी नेता शेख अब्दुल्ला ने भारत के साथ जाने का फैसला किया था और एक शर्त रखी कि कश्मीर व्यक्तित्व और मौलिकता से समझौता नहीं किया जाएगा.कांग्रेस पर हमला बोलते हुए वायको ने कहा था कि उन्होंने धोखा दिया है. इतने वर्षों में कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की है.

बता दें कि चेन्नई की एक अदालत ने आतंकी संगठन लिट्टे के समर्थन में बयान देने पर वायको को देशद्रोह के एक मामले में दोषी ठहराया था. हालांकि कोर्ट ने बाद में उनकी सजा पर रोक लगा दी थी.

वायको ने पिछले महीने भी हिंदी भाषा को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि आज संसद में हिंदी की वजह से बहस का स्तर गिर गया है. वे सिर्फ हिंदी में चिल्लाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिंदी में ही संसद को संबोधित करते हैं. मेरी नजर में हिंदी बोलने के पीछे प्रधानमंत्री की भावना हिंदी, हिंदू, हिंदू राष्ट्र की है.'

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने को लेकर संसद की मुहर लग चुकी है. अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे. केंद्र सरकार के इस फैसले से अप्रिय स्थिति पैदा न हो इसलिए घाटी में 35 हजार से ज्यादा सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल खुद ग्राउंड जीरो पर उतरकर स्थिति का मुआयना कर रहे हैं. हालांकि ईद के मौके पर लोग सड़कों पर उतरे लेकिन किसी तरह के विरोध-प्रदर्शन की खबर नहीं आई है.