सांकेतिक तस्वीरReuters

देश में लगातार दसवें महीने गाड़ियों की ब्रिकी घटने के चलते ऑटो सेक्टर में जारी जबरदस्त मंदी की मार के आने वाले दिनों में और अधिक बढ़ने की आशंका है। वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में भारी कमी दर्ज की गई है। कमजोर बिक्री के कारण ऑटो सेक्टर के ग्रोथ में गिरावट बढ़ती जा रही है। लगभग सभी बड़ी कंपनियों की गाड़ियों की बिक्री में कमी आई है। कई कंपनियां तो कुछ दिनों के लिए उत्पादन पर भी रोक लगा चुकी हैं।

सियाम के मुताबिक, अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री एक साल पहले इसी माह की तुलना में 31.57 फीसदी घटकर 1,96,524 वाहन रह गई। एक साल पहले अगस्त में 2,87,198 वाहनों की बिक्री हुई थी।

भारतीय आटोमोबाइल विनिर्माता सोसायटी (सियाम) के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2019 में घरेलू बाजार में कारों की बिक्री 41.09 फीसदी घटकर 1,15,957 कार रह गई जबकि एक साल पहले अगस्त में 1,96,847 कारें बिकी थीं।

इस दौरान दुपहिया वाहनों की बिक्री 22.24 प्रतिशत घटकर 15,14,196 इकाई रह गई जबकि एक साल पहले इसी माह में देश में 19,47,304 दुपहिया वाहनों की बिक्री की गई।

इसमें मोटरसाइकिलों की बिक्री 22.33 फीसदी घटकर 9,37,486 मोटरसाइकिल रह गई जबकि एक साल पहले इसी माह में 12,07,005 मोटरसाइकिलें बिकी थीं।

सियाम के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त महीने में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 38.71 फीसदी घटकर 51,897 वाहन रही। कुल मिलाकर यदि सभी तरह के वाहनों की बात की जाए तो अगस्त 2019 में कुल वाहन बिक्री 23.55 फीसदी घटकर 18,21,490 वाहन रह गई जबकि एक साल पहले इसी माह में कुल 23,82,436 वाहनों की बिक्री हुई थी।

अगस्त में माध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री भी 54.3% गिरकर 15,573 पर आ गई। वहीं अगस्त 2018 के मुकाबले इस अगस्त में एलसीवी की बिक्री 28% घटकर 36,324 यूनिट्स पर आ गई।

बीते हफ्ते परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऑटो कंपनियों को भरोसा दिया था कि पेट्रोल और डीजल व्हीकल को बैन करने का कोई प्लान नहीं है। उन्होंने कहा था कि ऑटो सेक्टर में स्लोडाउन वैश्विक आर्थिक कारणों से है। उन्होंने कहा था वित्त मंत्री जल्द इसको इसको सुलझाएंगी।

इसी बीच भारी वाहन बनाने वाली कंपनी अशोक लेलैंड ने भी कम मांग को देखते हुए अपने 5 प्लांट्स में नो वर्क डेज का ऐलान कर दिया है। पिछले सप्ताह मारुति सुजुकी ने भी अपने दो प्लांट्स में दो दिन 7 और 9 सितंबर का नो प्रॉडक्शन डे घोषित किया था। मारुति ने 16 साल बाद ऐसा किया था।

कमजोर मांग के चलते देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की अगस्त बिक्री में 36 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ह्युंदै की बात करें तो अगस्त इसकी बिक्री में 17 फीसदी कम रही। इसके अलावा, टाटा मोटर्स भी पिछले साल के अगस्त महीने के मुकाबले करीब आधे वाहन बेच पाई।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।