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तृणमूल कांग्रेस के नेता की पत्नी के सामान की जांच करने के बाद कोलकाता एयरपोर्ट के कस्टम अधिकारियों का कथित तौर पर उत्पीड़न किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। शुक्रवार को इससे संबंधित याचिका पर सुनवाई करने की सहमति देते हुए SC ने पश्चिम बंगाल सरकार को लेकर सख्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में कुछ 'बहुत बहुत गंभीर' चल रहा है। टॉप कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने इस कथित घटना को 'बेहद गंभीर' माना। पीठ ने कहा, 'किसी व्यक्ति ने किसी चीज की तरफ हमारा ध्यान आकर्षित किया है। यह बहुत बहुत गंभीर है। हम नहीं जानते कि किसके दावे प्रामाणिक हैं।' पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक एम. सिंघवी की इस दलील को नहीं माना कि याचिका पर नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है।

गौरतलब है कि केंद्र ने 29 मार्च को शीर्ष अदालत को बताया था कि कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारियों को एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने धमकाया और उत्पीड़न किया क्योंकि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद की पत्नी के सामान की जांच की थी, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रिश्तेदार हैं।

केंद्र ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में संस्थागत अव्यवस्था और पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है। कस्टम डिपार्टमेंट की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि 15-16 मार्च की रात करीब एक बजकर दस मिनट पर दो महिलाएं अंतरराष्ट्रीय उड़ान से आईं थीं और सीमा शुल्क अधिकारियों ने उनके सामान की जांच की थी।

अधिकारियों ने जांच के लिए दोनों महिलाओं को एयरपोर्ट पर रोका था। इन महिलाओं में एक TMC सांसद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजीरा नरूला बनर्जी थीं। महिलाओं ने जांच का विरोध किया। आरोप है कि जब उन्हें अपने पासपोर्ट दिखाने के लिए कहा गया तो उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को अपशब्द कहे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जीReuters file

मेहता ने कहा कि हवाई अड्डे से महिलाओं के जाने के तुरंत बाद ही पुलिसकर्मियों का एक बड़ा दल परिसर में आया और उसने इन महिलाओं के सामान की जांच करने के कारण सीमा शुल्क अधिकारियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया। मेहता ने कहा कि सहायक सीमा शुल्क आयुक्त ने हवाई अड्डे थाने के प्रभारी निरीक्षक को 22 मार्च को एक पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा काम में हस्तक्षेप करने, बाधा डालने और धमकी देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया।

सीमा शुल्क आयुक्त ने इस पूरी घटना का विवरण दिया और कहा कि पत्र के अनुसार इन दोनों महिलाओं में से एक महिला, जिसके सामान की जांच की गई थी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के भतीजे की पत्नी थीं। आयुक्त ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी अलग-अलग समूहों में हवाई अड्डा परिसर में दाखिल हुए और उन्होंने सीमा शुल्क अधिकारियों को गिरफ्तार करने की धौंस देते हुए उनका उत्पीड़न किया।

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को यह कहकर नोटिस जारी करने का विरोध किया कि याचिकाकर्ता राजकुमार सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस ऐंड कस्टम्स के सदस्य हैं और इसलिए उनके पास याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। इस पर बेंच ने साफ कहा, 'जो कुछ भी पश्चिम बंगाल में चल रहा है, हम उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। अगर जरूरी हुआ तो हम खुद घटनाओं पर स्वत: संज्ञान ले सकते हैं और मामले की तह तक जा सकते हैं।'