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ANI

उत्तर-प्रदेश विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के बेटे अभिजीत यादव की हत्या के मामले में मामले में बुधवार को पुलिस ने मां मीरा यादव को गिरफ्तार कर लिया है. मां मीरा यादव ने हत्या की बात कबूल कर ली है. इससे पहले एसपी पूर्वी सर्वेश मिश्रा ने कहा था कि हत्या का शक मां मीरा यादव पर है. मां मीरा यादव ने खुद हत्या का जुर्म कुबूल किया है. पुलिस ने जब मीरा और उनके बड़े बेटे अभिषेक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो इसका खुलासा हुआ. मां ने कहा कि अभिजीत नशा करके अक्सर घर में आता था. उस दिन भी रात में आया, जिस पर कहासुनी होने के दौरान यह घटना हो गई.

बता दें कि अभिजीत यादव की रविवार को हजरतगंज आवास पर संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. जिसके बाद हड़कंप मच गया था. पहले तो परिवार वाले घटना पर परदा डाल रहे थे. कह रहे थे कि सीने में दर्द से मौत हुई, मगर शव के पोस्टमार्टम के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई थी.सिर पर चोट के निशान पाए गए थे. कुल पांच डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया था.

घटना के बाद परिजन जहां सीने में दर्द के कारण स्वाभाविक मौत बता रहे थे, वहीं मामला संदिग्ध जानकर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी. परिवार लगातार पुलिस को गुमराह करता रहा. एसएसपी लखनऊ की मौजूदगी में ही परिवार वाले शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर चले गए थे. मगर बाद में पुलिस के आला अफसरों की दखल के बाद शव को अंतिम संस्कार से रोक दिया गया था. फिर पोस्टमार्टम कराया गया तो गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई.

रमेश यादव के छोटे बेटे अभिजीत उर्फ विवेक का शव दारुल शफा के डी ब्लॉक स्थित कमरा नंबर 28 में पाया गया. कमरे में मां और भाई भी मौजूद थे. परिवारीजन दावा कर रहे हैं कि रात में सोते वक्त अभिजीत के सीने में तेज दर्द था. इसके बाद वह सो गया और सुबह वह बिस्तर पर मृत पाया गया.

बता दें कि विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने दो शादियां की हैं. पहली पत्नी प्रेमा देवी है जो एटा जिले में रहती हैं. उनका बेटा आशीष यादव पूर्व में एटा सदर से विधायक भी रह चुका है. दूसरी पत्नी मीरा यादव हैं जो राजधानी के दारुल शफा स्थित बी ब्लाक के कमरा नंबर 137 में अपने दो बेटों अभिषेक यादव उर्फ लक्की व छोटे बेटे विवेक यादव उर्फ अभिजीत यादव उर्फ विक्की रहती हैं.

रविवार सुबह विवेक उर्फ अभिजीत अपने बिस्तर पर मृत अवस्था में पड़ा मिला. परिजनों का कहना है कि विवेक शनिवार रात करीब 11 बजे घर आया था. तब उसने सीने में दर्द की जानकारी मां को दी थी. मां ने सीने में मालिश कर उसे सुला दिया था. सुबह जब काफी देर तक अभिजीत नहीं उठा तो मां उसे उठाने पहुंची. शरीर में कोई हरकत न होती देख भाई को भी बुलाया.भाई ने विवेक की नब्ज जांची तो पता चला उसकी मौत हो चुकी थी।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौत को संदिग्ध बताया है, लेकिन परिवार की ओर से कोई शिकायत दर्ज न कराने पर शव को परिवार के हवाले कर दिया. इंस्पेक्टर हजरतगंज राधारमण सिंह ने बताया कि विवेक दारुल शिफा के बी ब्लॉक के कमरा नंबर 137 में रहता था. शनिवार रात खाना खाने के बाद वह मां और भाई के साथ कमरे में सोया था। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई. उधर मामला संदिग्ध देख पुलिस ने शव को अंतिम संस्कार से रोक दिया. जब पोस्टमार्टम हुई तो गला दबाकर हत्या का चौंकाने वाला खुलासा हुआ. जिसके बाद पुलिस ने मां और बड़े भाई अभिषेक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. पूछताछ के दौरान मां मीरा यादव ने हत्या का जुर्म कुबूल किया है.