सांकेतिक तस्वीर
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द इंडियन एक्स्प्रेस की एक खबर के मुताबिक भारत की राजधानी दिल्ली की एक जेल में एक विचाराधीन बंदी की हत्या सिर्फ इसलिये कर दी क्योंकि उसने उसे रूह अफजा, एक जाना-माना मद्यरहित पेय, देने से इंकार कर दिया था. इस बंदी की हत्या मंगलवार को एक सजायाफ्ता कैदी द्वारा की गई.

बताया जाता है कि विचाराधीन कैदी पवन, चोरी के एक मामले में रोहिणी जेल में बंद था. वह पिछले दो महीनों से जेल में बंद था और मंगलवार को एक अन्य कैदी किशन ने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. किशन पहले से ही हत्या के एक मामले में आरोपी है और 2013 से जेल बंद है.

डेली पायनीयर के मुताबिक, दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) रजनीश गुप्ता ने बताया कि उनके पास मंगलवार की सुबह डा. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल से यह सूचना देनेे वाला एक फोन आया कि पवन को उपचार के लिये लाया गया है और उसे मृत घोषित कर दिया गया है.

अखबार ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा, ''पवन के परिवार को घटना के बारे में सूचना दे दी गई है.''

इस घटना की जांच प्रारंभ हो गई है और स्थानीय पुलिस का कहना है कि अधिकारियों की तरफ से कोई लापरवाही सामने नहीं आई है. प्रकाशन के मुताबिक, किशन ने मंगलवार की सुबह करीब 2 बजे पवन का गला घोंट कर उसे मौत के घाट उतार दिया.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रकाशन को बताया, ''पवन ने किशन के काम करने से इंकार कर दिया था. इसके बाद रात के समय किशन ने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. पवन को तुरंत ही नजदीकी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.''

पवन के परिवार के सदस्यों का आरोप है कि उसके चेहरे पर चोट के निशान भी थे.

2012 में पुणे की यरवदा जेल में भी दो कैदियों ने आतंकी हमले के एक आरोपी की गला घोंटकर जान ले ली थी. इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध सदस्य मोहम्मद कतील सिद्दीकी की हत्या जेल में हो गई थी. उसकी जान लेने वाले दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया था.