संबंधित राज्य का राज्यपाल पद संभालते ही उनकी नियुक्ति प्रभावी मानी जाएगी।
संबंधित राज्य का राज्यपाल पद संभालते ही उनकी नियुक्ति प्रभावी मानी जाएगी।IANS

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार 21 अगस्त को पांच राज्यों के लिए नए राज्यपालों की नियुक्ति की घोषणा की। राष्ट्रपति भवन कार्यालय द्वारा रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्रा का तबादला कर उन्हें राजस्थान की कमान सौंपी गयी है।

राष्ट्रपति भवन की ओर से रविवार को जारी आदेश के मुताबिक आरिफ मोहम्मद खान के अलावा तेलंगाना में तमिलसाई सुंदरराजन को राज्यपाल के तौर पर भेजा गया है। इसके अलावा उत्तराखंड के वरिष्ठ बीजेपी नेता रहे भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र और बंडारू दत्तात्रेय को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। अब तक हिमाचल के राज्यपाल रहे कलराज मिश्र को राजस्थान भेजा गया है।

केरल के राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति होने पर आरिफ खान ने कहा, 'यह सेवा करने का बेहतरीन अवसर है। मुझे भारत जैसे देश में पैदा होने का सौभाग्य मिला जो इतना विशाल है और विविधताओं से भरा हुआ है। यह मेरे लिए भारत के इस हिस्से को जानने का एक शानदार अवसर है। जो भारत की सीमा बनाता है और इसे भगवान का अपना देश कहा जाता है।'

आरिफ मोहम्मद खान ने वंदे मातरम का उर्दू में अनुवाद भी किया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों भी कई राज्यों में गवर्नरों की नियुक्ति की गई थी। अब तक केरल में गवर्नर पूर्व चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम थे, जिनका हाल ही में कार्यकाल खत्म हुए थे।

कलराज मिश्र कुछ समय पहले तक हिमाचल के राज्यपाल हुआ करते थे। कलराज राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ पूर्णकालिक प्रचारक भी रह चुके हैं। केंद्र और यूपी सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी थे। वर्ष 2010 से 2012 तक वह प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे। पिछले लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा के प्रभारी थे। वह तीन बार राज्यसभा सांसद और एक बार देवरिया से लोकसभा सदस्य भी रहे।

भगत सिंह कोश्यारी का जन्म 17 जून 1942 को उत्तराखंड के बागेश्वर जिले स्थित नामती चेताबागड़ गांव में हुआ था। वह उत्तराखंड के बड़े नेता हैं। जब उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड़ बना तो कोश्यारी को ही राज्य का पहला प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। 2001 से लेकर 2002 तक वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे। फिर 2002 से लेकर 2007 तक उन्होंने विपक्ष के नेता के तौर पर जिम्मेदारी निभाई थी। बता दें कि वह पत्रकार और शिक्षक भी रहे हैं। 2008 से 2014 तक वह राज्यसभा सांसद भी रहें।

बंडारू दत्तात्रेय भारतीय जनता पार्टी की संयुक्त आंध्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान वह श्रम और रोजगार मंत्री थे। वर्ष 1965 में उन्होंने आरएसएस ज्वाइन कर ली थीं। आपातकाल के वक्त वह जेल भी गए थे।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति होने पर बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह का भी शुक्रगुजार हूं। उन्होंने मुझे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर यह जिम्मेदारी दी है और मैं संविधान के अनुसार काम करूंगा।'

राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति के तहत संबंधित राज्य का राज्यपाल पद संभालते ही उनकी नियुक्ति प्रभावी मानी जाएगी।