पेट्रोल-डीजल की मार से आम जनता को सरकार ने बड़ी राहत दी है. पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर से एक्साइज ड्यूटी 1.50 रुपये घटाने का फैसला किया है. इस तरह से जनता को 2.50 रुपये की राहत मिलेगी. तेल की बढ़ी कीमतों से जनता त्रस्त है, मगर अब पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से चिंतित सरकार इसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को रोकने के विकल्पों पर विचार कर रही थी.
Excise duty to be reduced by Rs.1.50 & OMCs will absorb 1 rupee. So, a total of Rs.2.50 will be reduced on both diesel and petrol: Finance Minister Arun Jaitley pic.twitter.com/sV4eZwmKEw
— ANI (@ANI) October 4, 2018
वित्त मंत्री ने अरुण जेटली ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हम सभी राज्य सरकारों से वैट में पेट्रोल—डीजल पर 2.50 रुपये प्रति लीटर में कटौती करने को कहेंगे. इस बारे में सभी राज्यों को लिखा जाएगा. जिससे की उपभोक्ताओं को तत्काल पेट्रोल-डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर की राहत मिल सके.
We are writing to the state govts that as the central govt is cutting Rs 2.50 on both petrol & diesel, they do the same: FM Arun Jaitley pic.twitter.com/7QQ6TFrsnJ
— ANI (@ANI) October 4, 2018
उन्होंने कहा कि राज्यों से कहा जा रहा है कि केन्द्र की 2.50 रुपये की कटौती की तर्ज पर सभी राज्य भी 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती को प्रभावी करें. यह काम राज्यों के लिए आसान है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि राज्य सरकारों का एडवैलोरम टैक्स है. राज्यों का औसत 29 फीसदी है. इसलिए कच्चा तेल का दाम बढ़ने पर राज्यों को अधिक इजाफा होता है. वहीं केन्द्र की कमाई स्थिर रहती है.
इससे पहले पेट्रोलियम सचिव ने वित्तमंत्री अरुण जेटली और वित्त सचिव से मुलाकात कर पेट्रोल दामों की बढ़ी हुई कीमतों में राहत देने के उपायों पर चर्चा की. इससे पहले ऐसी खबरें थीं कि जनता को राहत देने के लिए वित्तमंत्री एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती का ऐलान कर सकते हैं. बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद PM नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच जनता को राहत देने के उपायों पर चर्चा हुई थी. बता दें कि गुरुवार को भी इनके दामों में क्रमश: 15 पैसे और 20 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई.
वित्त मंत्री ने बताया कि एक्साइज ड्यूटी में यह कटौती यदि पूरे साल बनी रहती है तो इससे 21 हजार करोड़ रुपये का असर सरकारी खजाने पर होगा. अब चूंकि इस वित्त वर्ष में छह माह शेष हैं तो इसका सरकार पर 10,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. यह चालू वित्त वर्ष के लिए तय राजकोषीय घाटे का 0.05 फीसदी अंतर होगा. इसे मेन्टेन करना आसान होगा. यानी, राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर इसका कोई असर नहीं होगा.
Rs 10,500 Crore will be the impact of excise duty cut this year: FM Arun Jaitley pic.twitter.com/GChrYo8zlp
— ANI (@ANI) October 4, 2018