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ANI

अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ अपनी पहली त्रिपक्षीय बैठक को लेकर मुलाकात की और वैश्विक और बहुपक्षीय हितों के बड़े मुद्दों पर चर्चा की. रणनीतिक महत्व के हिंद - प्रशांत क्षेत्र में चीन के अपनी शक्ति प्रदर्शित करने के मद्देनजर यह बैठक काफी मायने रखती है.

मोदी ने साझा मूल्यों पर साथ मिलकर काम जारी रखने पर जोर देते हुए कहा , ''जेएआई (जापान, अमेरिका, भारत) की बैठक लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित है...'जेएआई' का अर्थ जीत शब्द से है.'' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह बैठक तीन राष्ट्रों की दूरदृष्टि का समन्वय है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस त्रिपक्षीय बैठक को लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित तो बताया ही, साथ ही कहा कि अगर तीनों देश मिलकर आगे बढ़ें तो जय सुनिश्चित है.

जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह प्रथम ''जेएआई त्रिपक्षीय '' में भाग लेकर खुश हैं.

डोनाल्ड ट्रंप ने बैठक में भारत के आर्थिक विकास की सराहना की. तीनों नेताओं ने संपर्क, सतत विकास, आतंकवाद निरोध और समुद्री एवं साइबर सुरक्षा जैसे वैश्विक एवं बहुपक्षीय हितों के सभी बड़े मुद्दों पर तीनों देशों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने हिंद - प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून एवं सभी मतभेदों के शांतिपूर्ण हल पर आधारित मुक्त, खुला, समग्र और नियम आधारित व्यवस्था की ओर आगे बढ़ने पर अपने विचार साझा किए.

गौरतलब है कि यह बैठक ऐसे समय में हुई जब चीन दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवाद और पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ विवाद में उलझा हुआ है. ये दोनों ही क्षेत्र खनिज , तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न हैं.

चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना हक जताता है और दावा करता है, जबकि वियतनाम, फिलीपींस, मलयेशिया, ब्रुनेई और ताइवान इसके जलमार्गों पर अपना दावा करते हैं. इसमें वे समुद्री मार्ग भी शामिल हैं जिनसे होकर हर साल करीब 3 हजार अरब डालर का वैश्विक व्यापारिक परिवहन होता है.

मोदी, ट्रंप और आबे बहुपक्षीय सम्मेलनों में त्रिपक्षीय प्रारूप में बैठक करने के महत्व पर भी सहमत हुए. इसके अलावा तीनों नेताओं ने संपर्क, स्थायी विकास, आतंकवाद निरोध और समुद्री और साइबर सुरक्षा जैसे वैश्विक व बहुपक्षीय हितों के सभी बड़े मुद्दों पर तीनों देशों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया.