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बीजेपी की सहयोगी पार्टियों जदयू और अन्नाद्रमुक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन के कारण इन दोनों राज्यों के पार्टी नेताओं को भी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है। रविवार को सूत्रों ने यह जानकारी दी।

जेडीयू के एक नेता ने कहा कि बिहार की इस पार्टी को उम्मीद है कि 30 मई को शपथ लेने जा रही नई कैबिनेट में उसे कम से कम एक कैबिनेट मंत्री जरूर मिलेगा। पार्टी के कोटे में एक राज्यमंत्री का पद भी आ सकता है। बता दें कि राष्ट्रपति भवन ने रविवार को बताया कि नरेंद्र मोदी गुरुवार को प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे।

शपथग्रहण की तारीख और उसका समय तय होने के बाद भी अभीतक आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया गया है कि नई मंत्रिपरिषद में कौन-कौन संभावित चेहरे दिख सकते हैं। तमाम नेताओं की राय है कि पिछली मंत्रिपरिषद के ज्यादातर प्रमुख सदस्य इस बार भी उसका हिस्सा बन सकते हैं।

ऐसी अटकले हैं कि पिछली सरकार में वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभालने वाले अरुण जेटली स्वास्थ्य कारणों से इस बार खुद मंत्री नहीं बनना चाहेंगे। हालांकि, उनके करीबी लोगों का कहना है कि इलाज के बाद उनकी सेहत ठीक हो रही है।

जेटली के स्वास्थ्य को लेकर अटकलों को देखते हुए सरकार को भी रविवार को यह कहकर सामने आना पड़ा कि वह ठीक हैं और उनकी सेहत से जुड़ी अटकलें झूठी और आधारहीन हैं। सरकार के मुख्य प्रवक्ता और पीआईबी के महानिदेशक सीतांशु कर ने ट्वीट किया, 'केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के स्वास्थ्य को लेकर मीडिया के एक तबके में जो रिपोर्ट्स हैं, वे झूठी और निराधार हैं। मीडिया को सलाह दी जाती है कि अफवाहों से दूर रहें।'

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बीजेपी से जुड़े राज्यसभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता ने कहा कि अब जेटली का इलाज पूरा हो चुका है और वह तेजी से उनका स्वास्थ्य सुधर रहा है। दासगुप्ता ने कहा कि वह अभी भी अधिकारियों से मिल रहे हैं। सांसद ने ट्वीट किया, 'अरुण जेटली के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं सझी जा सकती हैं। वह इलाज के बाद ठीक हो रही हैं। लेकिन वह अभी भी जबरदस्त फॉर्म में हैं और उनका जोश और समझ बरकरार है। अपनी ताकत को वापस पाने के लिए उन्हें थोड़ा आराम की जरूरत है। हमारी शुभकामनाएं।'

राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश सिंह जावड़ेकर जैसे पिछले कैबिनेट के वरिष्ठ चेहरे नई कैबिनेट का भी हिस्सा हो सकते हैं। ऐसे कयास जोर पकड़ रहे हैं कि गांधीनगर से विशाल अंतर के साथ जीत दर्ज करने वाले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी नई सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। हालांकि, शाह इस मुद्दे पर बोलने से बचते रहे हैं।

सूत्रों ने बतााय कि बीजेपी की एक अन्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के मुखिया रामविलास पासवान ने अपने बेटे चिराग पासवान को नई सरकार में शामिल कराना चाहते हैं। सबसे वरिष्ठ सांसदों में से एक राम विलास पासवान पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उनकी पार्टी एलजेपी ने लोकसभा चुनाव में 6 सीटों पर जीत हासिल की है। उनके बेटे चिराग जमुई से जीते हैं।

एआईएडीएमके इस बार सिर्फ एक ही सीट जीत पाई है लेकिन नई सरकार में उसे एक मंत्री पद दिया जा सकता है क्योंकि वह तमिलनाडु में सत्ता में है और दक्षिण भारत में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी है। एआईएडीएमके पिछली सरकार में शामिल नहीं थी।

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में इस चुनाव में अपना अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। उसने पश्चिम बंगाल की 42 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की है। 2014 में उसे यहां सिर्फ 2 सीटें मिली थीं। तेलंगाना में इस बार उसने 4 सीटें जीती हैं। पिछली बार बीजेपी यहां सिर्फ 1 सीट जीत पाई थी। यही वजह है कि नई सरकार में इन राज्यों को ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।