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पीएम नरेंद्र मोदी के लोकसभा चुनावों में जबरदस्त बहुमत के साथ दोबारा सत्ता सँभालने और मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंपे जाने के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद की पहली बैठक बुधवार को होगी, जिसमें सरकार के लघु और दीर्घकालिक अजेंडे पर चर्चा की संभावना है। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार के सभी सचिवों के साथ हुई बातचीत के अगले दिन होने जा रही है।

इस बैठक के बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में पांच जुलाई को संसद में पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट की तैयारियों पर चर्चा संभावित है। इसके अलावा इस बैठक में कैबिनेट कुछ विधेयकों को भी मंजूरी दे सकती है जो पिछली सरकार के कार्यकाल में पास नहीं हो पाए थे।

16वीं लोकसभा के कार्यकाल में तीन तलाक विधेयक लोकसभा में मंजूर हो गया था लेकिन राज्यसभा में संख्याबल कम होने की वजह से यह पास नहीं हो पाया था। माना जा रहा है कि सरकार इस बिल को लेकर गंभीर है और दोबारा इसे संसद में पास कराने की पूरी कोशिश की जाएगी।

केंद्रीय बजट प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के इरादे का पहला बयान होगा। इसमें सरकार की अगले पांच वर्षों की सोच का व्यापक खाका खींचे जाने की संभावना है। सचिवों के साथ हुई बैठक में मोदी ने उनसे कहा था कि योजना व रोडमैप बनाना और भारत को पांच महाशंख डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए फैसले लेना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है।

इस बैठक में मोदी के नए मंत्रिपरिषद के सभी मंत्री शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्रीयों के काम का तो बंटवारा हो चुका है और मंत्रियों ने संबंधित मंत्रालयों को जिम्मेदारी भी संभाल ली है लेकिन राज्य मंत्रियों के काम का बंटवारा अभी बाकी है। बुधवार को होने वाली बैठक में इनकी भूमिका भी निर्धारित की जा सकती है।

इसके अलावा सरकार का ध्यान प्रधानमंत्री किसान योजना को हर योग्य व्यक्ति तक पहुंचाने पर भी होगा। चुनाव प्रचार के दौरान कई जगह पर लोगों ने शिकायत की थी कि उन्हें इस योजना के तहत छह हजार रुपये का लाभ नहीं मिला है। पीएम मोदी ने वादा भी किया था कि इससे कोई वंचित नहीं रहेगा। इस योजना को बेहतर तरीके से लागू करने के बारे में बैठक में विचार किया जा सकता है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।