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बैंकों का नौ हजार करोड़ से अधिक लेकर लंदन में रह रहे भगोड़े शराब कारोबारी  को वापस भारत लाने की सरकार की कोशिशें रंग लाती दिख रहीं हैं. माल्या के बहु चर्चित प्रत्यर्पण मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए ब्रिटिश अदालत ने भारतीय विभागों से मुंबई के आर्थर रोड जेल के एक सेल का तीन हफ्तों का वीडियो जमा करने को कहा है. मामले की आखिरी सुनवाई 12 सितंबर को होगी।

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धोखाधड़ी के मामलों में भारत में वांटेड माल्या मंगलवार को लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुए. माल्या को मुंबई के आर्थर रोड जेल के बैरक 12 में रखे जाने को लेकर अभियोजक और बचाव दोनों ने अपना पक्ष रखा. बहस सुनने के बाद जज ने भारतीय आर्थर रोड जेल के बैरक 12 का तीन हफ्तों का वीडियो जमा करने को कहा. इसके बाद 12 सितंबर तक के लिए सुनवाई टाल दी गई और तब तक के लिए माल्या की जमानत अवधि भी बढ़ा दी गई.

इससे पहले अपने बेटे सिद्धार्थ के साथ कोर्ट पहुंचे माल्या ने खुद पर लगे मनी लांड्रिंग और पैसे चुराने के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट के सामने सेटलमेंट का ऑफर दिया है और कोर्ट के सामने 14 हजार करोड़ के एसेट्स रखे हैं.

उन्होंने कोर्ट से कहा कि इस प्रॉपर्टी को बेचकर बैंक और कर्जदारों का पैसा चुका दिया जाए. उन्होंने कहा कि पैसा चुराने और मनी लॉन्डरिंग के आरोप पूरी तरह से गलत हैं. उन्होंने कहा कि मैने कोर्ट के सामने अपने एसेट्स रख दिए हैं अब कोर्ट को फैसला करना है.

गौरतलब है कि बीते 3, 4 माह से दोनों पक्ष (भारत सरकार और माल्या के वकील) की तरफ से जज एम्मा आर्बुथनॉट के पास लिखित में अपने तर्क जमा किये जा रहे थे. इससे पहले भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के प्रवक्ता ने कहा कि न्यायाधीश आर्बुथनॉट मामले पर अंतिम सुनवाई करेंगी और फैसले को सुरक्षित रख लिया जाएगा।

मालूम हो कि इससे पहले 27 अप्रैल को कोर्ट ने भारतीय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)की तरफ से जमा कराए गए बहुत सारे सबूतों को स्वीकार कर लिया था. सबूत स्वीकार किए जाने से माल्या को वापस ले जाने के लिए चल रहे भारतीय खेमे के प्रयासों को उत्साह मिला था और सफलता की उम्मीद बढ़ गई थीं.