सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरCreative Commons

देवबंद से जुड़े मदरसे दारुल उलूम ने फिर एक और अजीबोगरीब फतवा जारी किया है. इस फतवे में वैक्सिंग और शेविंग के जरिए शरीर के बाल हटाने को तहजीब के खिलाफ बताया गया है. इसे शरिया कानून के तहत सही नहीं बताया गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, अब्दुल अजीज़ नाम के एक स्थानीय व्यक्ति ने पूछा था कि एक पुरुष या महिला का हाथ-पैरों के बाल शेव या वैक्स करना सही है या नहीं. इस पर उलूम के फतवा विभाग ने जवाब दिया कि बगलों (आर्मपिट), मूंछों और नाभि से नीचे के हिस्सों के बाल हटाने के अलावा शरीर के नीचे के बाल वैक्स या शेव करने की शरिया के अंदर सही नहीं है. ये खिलाफ-ए-अदब है.

इस आपत्तिजनक फतवे पर देवबंद के मौलाना सलीम अशरफ क़ासमी ने कहा कि शरिया के हिसाब से फतवा बिल्कुल सही है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि दारूल उलूम ने इसको खिलाफ-ए-अदब यानी तहजीब के खिलाफ कहा है, हराम यानी कहा है.

दारूल उलूम के इस अटपटे बयान से पहले पिछले हफ्ते ही कुछ और अजीब बातें कही थीं. उलूम ने कहा था कि किसी अजनबी व्यक्ति से मेहंदी लगवाना शरिया के अंदर सही नहीं है. इतना ही नहीं उलूम ने मुस्लिम महिलाओं को चूड़ी बेचने वालों के हाथ से चूड़ी पहनने से भी मना किया है क्योंकि ये शरिया से के हिसाब से बहुत बड़ा गुनाह है.