-
ANI

अभी एक महीना से कुछ ही हुआ जब धूमधाम से पंद्रह साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. एमपी कमल के हाथ से निकलकर कमलनाथ के हाथों में चला गया. लेकिन सिर्फ एक महीने में ही वहां से ऐसी गजब-गजब खबरें सामने आ रही हैं कि सब पूछने लगे हैं कि आखिर एमपी में हो क्या रहा है?

मध्य प्रदेश में कर्जमाफी की प्रक्रिया के दिन गुजरने के साथ ही गड़बड़ियां सामने आने लगी हैं. आगर मालवा जिले में तो किसान का कर्ज लगभग 24 हजार रुपये था और माफ हुआ मात्र 13 रुपये. जिले के बैजनाथ निपानिया गांव के किसान शिवलाल कटारिया ने बुधवार को बताया, 'राज्य सरकार ने दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की बात कही. फार्म भराए गए, 23,815 रुपये का कर्ज था, लिहाजा उम्मीद थी कि सारा कर्ज माफ हो जाएगा. मगर पंचायत में जो सूची आई है, उसमें सिर्फ 13 रुपये कर्ज माफ हुआ है.'

-
ANI

शिवलाल ने आगे कहा, 'हम ईमानदार किसान हैं, लगातार चुकाते आए हैं. कर्मचारी का कहना है कि 'जिस तारीख से कर्ज माफ हुआ है, उस तारीख को तुम पर कर्ज नहीं था.' कर्ज माफी में गड़बड़ी हुई है. इस बारे में संबंधित अधिकारियों को शिकायत भी की है.'

दूसरी ओर सरकार का कहना है कि इस तरह की गड़बड़ी कर्ज देने से जुड़ी हुई है, जो सामने आ रही है. प्रभारी मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा, 'कर्ज देने में जो गड़बडियां हुई हैं, अब सामने आ रही हैं. इस पर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है.'

आपको बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने वचन पत्र में किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने का वादा किया था. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कमलनाथ ने कर्जमाफी की फाइल पर दस्तखत कर दिए थे. 15 जनवरी से आवेदन भरने का काम शुरू हो गया.

राज्य में पांच फरवरी तक आवेदन भरे जाने हैं और 22 फरवरी से कर्ज की राशि किसानों के खातों में जाने लगेगी. इस योजना से 55 लाख किसानों को लाभ होना है और कुल 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ होना है.