सांकेतिक तस्वीर
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मद्रास हाई कोर्ट ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को एक सख्त संदेश देते हुए कहा है कि वह सभी टोल प्लाजा पर वीआईपी और मौजूदा जजों के लिए एक अलग से एक्सक्लूसिव लेन बनाए, अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो उसे कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही के लिए तैयार रहना चाहिए.

मद्रास हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'यह दिल को काफी चोट पहुंचाने वाली बात है कि टोल प्लाजा पर अति विशिष्ट लोगों (वीआईपी) और सेवारत जजों की गाड़ियां भी रोक दी जाती हैं....यह बात भी दुखद है कि सेवारत जजों को टोल प्लाजा पर मजबूरन 10 से 15 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है.'

मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस हुलुवाडी जी रमेश और एमवी मुरलीधरन की बेंच ने यह आदेश दिया. आदेश में एनएचएआई को सभी टोल प्लाजा के नाम सर्कुलर जारी करने को कहा गया है, जिसमें अलग लेन बनाने का जिक्र हो ताकि वीआईपी और सेवारत जज बिना किसी रोक-टोक टोल प्लाजा से निकल सकें.

कोर्ट ने यह भी कहा कि एनएचएआई के सर्कुलर की नाफरमानी को गंभीरता से लिया जाएगा. प्राधिकरण को चेताते हुए कोर्ट ने कहा कि सर्कुलर जारी न करने की सूरत में कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा.

जज ने कहा, एक सर्कुलर प्रत्येक टोल कलेक्टर के लिए जारी किया जा सकता है, इसमें उन्हें इस तरह की वीआईपी लेन तैयार करने के लिए कहा जाए. ये टोल कलेक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह उस लेन से वीआईपी और जज के अलावा किसी और को गुजरने न दें और जो भी इस नियम का उल्लंघन करे, टोल कलेक्टर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे.

कोर्ट ने ये आदेश एल एंड टी कृष्णागिरी वलाजपेट टॉलवे लिमिटेड सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया. कोर्ट ने कहा कि जब तक वीआईपी लोगों के लिए अलग से लेन नहीं बनेगी, तब तक अनावश्यक रूप से उनका परेशानी का सामना करना पड़ेगा.