सांकेतिक तस्वीर
Reuters

मंदसौर की एक विशेष अदालत ने 26 जून को आठ वर्षीय स्कूली छात्रा का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने के मामले में दो आरोपी युवकों, आसिफ और इरफ़ान को फांसी की सजा सुनाई है. इस अमानवीय घटना के बाद मंदसौर सहित पूरे मध्यप्रदेश में आरोपियों को तुरंत फांसी देने की मांग करते हुए लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये थे. बाद में पुलिस ने इस मामले में इरफान एवं आसिफ को गिरफ्तार किया था.

विशेष न्यायाधीश निशा गुप्ता ने आईपीसी की धारा 363 के तहत दोनों आरोपितों को 7 -7 साल की सजा, 10-10 हजार जुर्माना, धारा 366 के तहत 10-10 साल की सजा व 10-10 हजार का जुर्माना, धारा 307 के तहत आजीवन कारावास और 376(डी) बी में दोनों आरोपितों को फांसी की सजा सुनाई. बाद में दोनों दो‍षियों को जेल ले जाया गया जहा से उन्हें इंदौर या उज्जैन सेंट्रल जेल ले जाया जाएगा.

पुलिस द्वारा इस मामले में 12 जुलाई को न्यायालय में चार्जशीट पेश की थी और 30 जुलाई से इस मामले की सुनवाई शुरू हुई जो 8 अगस्त तक चली. अभियोजन ने कुल 37 गवाहों को पेश किया और 14 अगस्त को इसपर अंतिम बहस हुई थी. न्यायाधीश ने फैसले के लिए 21 अगस्त को तारीख दी थी. इस प्रकरण में 115 दस्तावेज साक्ष्य पेश किए गए.

इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता विनय दुबेला ने अदालत में सुनवाई के लिए लाए गए दोनों आरोपियों में से एक को परिसर में थप्पड़ मार दिया.बीजेपी नेता का यह कारनामा भी कैमरों में कैद हो गया और अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

गौरतलब है कि मंदसौर में इस आठ वर्षीय बच्ची को 26 जून की शाम लड्डू खिलाने का लालच देकर उस वक्त अगवा किया गया था जब वह स्कूल की छुट्टी के बाद पैदल अपने घर वापस जा रही थी. बलात्कार के बाद कक्षा तीन की इस छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर चाकू से हमला भी किया गया था. घटना के बाद आरोपी उसे मृत समझकर मौके पर ही छोड़कर भाग गए थे. 27 जून को दोपहर में बालिका लड़खड़ाते हुए बाहर आई जिसके बाद पुलिसकर्मी उसे जिला अस्पताल लाए जहा से प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे इंदौर रेफर कर दिया था. बालिका का अभी इंदौर में उपचार चल रहा है.