संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकी अल्लारक्खा अबूबकर मंसूरी को महाराष्ट्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया (सांकेतिक तस्वीर)
संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकी अल्लारक्खा अबूबकर मंसूरी को महाराष्ट्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया (सांकेतिक तस्वीर)रायटर्स

महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी 32 वर्षीय मिर्जा फैजल खान को गिरफ्तार किये जाने के पांच दिन बाद दस्ते ने उसके साथी अल्लारक्खा अबूबकर मंसूरी को गिरफ्तार किया है. उसे बुधवार 16 मई को पकड़ा गया.

खान के काॅल रिकाॅर्ड की जांच के दौरान मंसूरी का नाम पुलिस के सामने आया था. पुलिस का कहना है कि भारत के कुछ हिस्सों में बम रखने की योजना बना रहा खान और मंसूरी, दोनों एक ही व्यक्ति की निगरानी में अपने काम को अंजाम दे रहे थे.

नाम न छापने की शर्त पर एक एटीएस अधिकारी ने डीएनए को बताया, ''गिरफ्तार किया गया संदिग्ध पेशे से चालक है. जांच के दौरान सामने आया है कि वह और फैसल मिर्जा लगातार दुबई स्थित हैंडलर फारुक देवादीवाला के संपर्क में थे.''

अधिकारी ने आगे बताया, ''हमें इस बात का पूरा संदेह है कि मंसूरी भी देवादीवाला द्वारा भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये कट्टरपंथी बना दिये गए युवाओं के समूह का हिस्सा है. उसकी भूमिका की जांच करते हुए उसके इतिहास को भी खंगाला जा रहा है.''

एक तरफ जहां खान के दूर के रिश्तेदार मंसूरी को 25 मई तक पुलिस की हिरासत में रखा गया है वहीं खान को 21 मई तक एटीएस की गिरफ्त में रखा जाएगा.

पीटीआई की खबर के अनुसार खान को 11 मई को पकड़ा गया था. उसने कथित रूप से मुंबई में सत्ताधारी दल के एक बड़े राजनेता को मारने की योजना बनाई थी और ऐसा करने के लिये वह पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन द्वारा संचालित एक शिविर में प्रशिक्षण लेने के बाद भारत आया था.

मंसूरी और खान दोनों एक ही हैंडलर द्वारा प्रशिक्षित हैं. (सांकेतिक तस्वीर)
मंसूरी और खान दोनों एक ही हैंडलर द्वारा प्रशिक्षित हैं. (सांकेतिक तस्वीर)राकेश बक्शी/एएफपी/गेटी इमेजेस

समाचार एजेंसी ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा, ''उसे मुंबई में आतंकी गतिविधियों के लिये वांछित एक व्यक्ति द्वारा पाकिस्तान बुलाया गया था. गिरफ्तार व्यक्ति पहले उस वांछित से मिलने शारजाह गया जहां से उसके द्वारा उसे पाकिस्तान भिजवाने की व्यवस्था की गई.''

अधिकारी ने आगे बताया, ''शारजाह में कुछ समय बिताने के बाद उसे दुबई भेजा गया और फिर वहां से कराची. इसके बाद उसने एक आतंकी संगठन द्वारा संचालित किये जा रहे प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया''

उन्होंने यह भी बताया कि इस चरमपंथी संगठन को पाकिस्तानी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का समर्थन हासिल है. वहीं दूसरी तरफ खान के परिजनों ने दावा किया है कि वह निर्दोष है.