Corona

भारत में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर शुक्रवार को 17 हो गई और संक्रमित मामले 724 पर पहुंच गए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह नौ बजकर 15 मिनट पर अपने ताजा आंकड़ों में बताया कि महाराष्ट्र में चार लोगों की मौत हो गई जबकि गुजरात में तीन लोगों की मौत हुई है। कर्नाटक में अभी तक दो लोग जान गंवा चुके हैं जबकि मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में एक-एक शख्स की मौत हुई।

आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के ऐसे मामलों की संख्या 640 है जिनमें रोगियों का उपचार चल रहा है जबकि 66 लोग या तो स्वस्थ हो गए या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई तथा एक व्यक्ति कहीं चला गया। मंत्रालय ने बताया कि संक्रमित लोगों के कुल 724 मामलों में 47 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

इस बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण के समुदाय स्तर पर फैलने का कोई पुष्ट प्रमाण नहीं मिला है और संक्रमण जिस दर से बढ़ रहा है उससे यह लगता है कि यह अपेक्षाकृत स्थिरता की प्रवृत्ति है। साथ ही मंत्रालय ने यह भी कहा कि ताजा आंकड़ों से किसी स्पष्ट प्रवृत्ति का पता नहीं चलता है और सरकार किसी भी सूरत में, किसी भी स्तर पर इसे लेकर शिथिल नहीं है।

कोरोना वायरस से जुड़े हालात पर मीडिया को जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ''कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अपेक्षाकृत रूप से यह स्थिर है या फिर जिस दर से यह बढ़ रहा था, उसमें कुछ कमी भी है।''

उन्होंने कहा, ''ताजा आंकड़ों से किसी स्पष्ट प्रवृत्ति का पता नहीं चलता है और सरकार किसी भी सूरत में, किसी भी स्तर पर इसके लेकर शिथिल नहीं है।''

अग्रवाल ने कहा कि मंत्रालय को आशा है कि वह सामाजिक मेलजोल में कमी लाकर (सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर), जिनमें संक्रमण की पुष्टि हुई है उनसे मिलने वाले लोगों का पता लगाकर और यह सुनिश्चत करके कि भी अपने-अपने घरों में पृथक रहें, कोरोना वायरस को फैलने से रोक पाएंगे।

लेकिन, साथ-ही-साथ चेतावनी देते हुए अग्रवाल ने कहा कि अगर समुदाय और सरकार ने मिलकर काम नहीं किया और सामाजिक मेलजोल को कम करने, घर में पृथक रहने और इलाज कराने जैसे तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया तो इस संक्रमण का समुदाय स्तर पर प्रसार का चरण शुरू हो जाएगा।

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उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि वे प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लॉकडाउन का समर्थन करें।

उन्होंने कहा कि इस वायरस से संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने को तोड़ने में सामाजिक मेलजोल में कमी प्रभावी साबित हो सकती है, लेकिन यदि एक भी व्यक्ति इसका पालन नहीं करता है तो सबके प्रयासों पर पानी फिर जाएगा। अग्रवाल ने कहा, ''लॉकडाउन को लागू करने के लिए लोगों के सतत सहयोग की आवश्यकता है।''

हैदराबाद और राजस्थान के भीलवाड़ा में आए मामलों पर टिप्पणी करते हुए आईसीएमआर में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख रमण आर. गंगाखेडकर ने कहा, ''एक या दो मामलों पर हम यह नहीं कह सकते हैं कि यह समुदाय के स्तर पर संक्रमण का प्रसार है। और हमें यह क्यों छुपाना चाहिए कि समुदाय के स्तर पर संक्रमण का प्रसार हुआ है।''

अग्रवाल ने कहा, ''अभी तक यह कहने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार समुदाय के स्तर पर हो रहा है।'' उन्होंने कहा कि 17 राज्यों ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित अस्पताल चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि यह वायरस मच्छरों के जरिए फैलता है।

अग्रवाल ने बताया कि देश भर में करीब 64,411 लोगों को निगरानी में रखा गया है। इनमें से 8,300 लोगों को पृथक केन्द्रों में रखा गया है जबकि बाकी लोग अपने-अपने घरों में पृथक रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें उन लोगों की निगरानी कर रही हैं जो लोग यात्रा प्रतिबंध लगने से पहले विदेशों से लौटे हैं।

आम लोगों को आश्वासन देते हुए अग्रवाल ने कहा कि भारत कोरोना वायरस संक्रमण की चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। वहीं गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यात्रा प्रतिबंधों के संबंध में मंत्रिसमूह की बैठक में चर्चा हुई और उसे जल्दी ही जनता को बता दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार की रात बेहद भावुक अपील में 21 दिन लंबे राष्ट्रव्यापी सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.