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ANI

उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने एक बार फिर मदरसों को बंद करने की मांग दोहराई है. पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर वसीम रिज़वी ने प्राथमिक मदरसों को बंद करने को कहा है. वसीम रिज़वी ने लिखा कि मदरसों में बच्चों को बाकियों से अलग कर कट्टरपंथी सोच के तहत तैयार किया जाता है. यदि प्राथमिक मदरसे बंद ना हुए तो 15 साल में देश का आधे से ज्यादा मुसलमान आईएसआईएस का समर्थक हो जाएगा. उन्‍होंने इसके बजाय हाई स्कूल के बाद धार्मिक तालीम के लिए मदरसे जाने के विकल्प का सुझाव दिया.

उन्होंने कहा कि बहुत बड़े पैमाने पर मदरसे में इस्लामिक तामीर लेने वाले बच्चों को आर्थिक मदद पहुंचा कर इस्लामिक शिक्षा के नाम पर उनको दूसरे धर्मों से काटा जा रहा है. सामान्य शिक्षा से दूर किया जा रहा है. हिंदुस्तान में ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे प्राथमिक मदरसे चंदे की लालच में हमारे बच्चों का भविष्य खराब करने का काम कर रहे हैं. उनको सामान्य शिक्षा से दूर रख कर उन्हें इस्लाम के नाम पर कट्टरपंथी सोच पैदा की जा रही है जो हमारे मुसलमान बच्चों के लिए घातक है और साथ ही देश के लिए भी एक बड़ा खतरा है.

इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए देश हित में और मुस्लिम बच्चों के अच्छे भविष्य के हित में मेरे द्वारा एक सुझाव प्रधानमंत्री को भेजा गया है कि हिंदुस्तान में चल रहे प्राथमिक मदरसों को बंद किया जाए. हाईस्कूल पास करने के बाद अगर बच्चा संयम धर्म प्रचार की तरफ जाना चाहता है तो वह मदरसे में दाखिला ले सकता है.

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अर्थात मदरसों में प्रवेश हाईस्कूल करने के बाद किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए इससे यह फायदा होगा कि बच्चा स्कूल में सही तरीके से हाईस्कूल की सामान्य शिक्षा ग्रहण कर सकेगा और बचपन से लेकर हाई स्कूल तक हर वर्ग हर धर्म के बच्चों के साथ बैठकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने पर धर्म के लोगों को साथ मिलजुल कर रहने व हर धर्म को समझने का मौका भी मिलेगा. उसके बाद अगर वह मदरसों में प्रवेश लेकर धार्मिक प्रचार का रास्ता अपनाता है तो मेरे विचार से बहुत जल्दी वह कट्टरपंथी मानसिकता ग्रहण नहीं कर सकेगा और खुद के फैसले से मदरसे में दाखिला ले सकेगा.

इससे पहले शिया वक्फ वोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने पिछले दिनों कहा था कि आतंकवाद को मदरसे से जोड़कर बयान देने के कारण सोशल मीडिया पर उनको धमकियां मिल रही हैं. इस कारण उन्‍होंने अपने लिए कब्र बनवा ली है, जिस पर बकायदा उन्होंने अपना नाम भी लिखा दिया है.

वसीम ने कहा कि उन्होंने राजधानी लखनऊ के तालकटोरा में अपने वालिद (पिता) की कब्र के पास अपनी कब्र बनवा ली है. ऐसा करने के पीछे का कारण बताते हुए रिजवी ने कहा कि आजकल उन्हें सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. उन्होंने कहा, "मैं मरने से नहीं डरता, मैं मरने को तैयार हूं, लेकिन मैंने कोई गलत बयान नहीं दिया".

उन्होंने कहा था कि 'कुछ मरदसों में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां हैं, जो बंद होनी चाहिए. यह वह नहीं कह रहे हैं, यह तो साफ-साफ सरकार की रिपोर्ट कह रही है. उन्होंने तो बस मुस्लिम समाज के बच्चों की नस्ल सुधार के लिए ऐसा कहा'. वसीम रिजवी ने कहा था कि लेकिन कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए ऐसे मदरसे चलाना चाहते हैं, इसलिए मुस्लिम समाज को भड़काकर समाज को उनका दुश्मन बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब सोशल मीडिया पर पूरे देशभर के मुस्लिम समाज से उन्हें धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने कहा कि वह मरने को तैयार हैं, इसके उन्हें कब्र की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने तालकटोरा स्थित कब्रिस्तान में अपने वालिद की कब्र के पास अपनी कब्र बनवा ली है.