सांकेतिक तस्वीर
Reuters

भारत ने रविवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की उस टिप्पणी को ''गैरजिम्मेदाराना और निरर्थक'' बताते हुए खारिज कर दिया कि भारत फिर से पाकिस्तान पर हमला करने की योजना बना रहा है और कहा कि उनके बयान का मकसद क्षेत्र में युद्ध उन्माद फैलाना है।

कुरैशी ने अपने गृहनगर मुल्तान में संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान के पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी है कि भारत 16 से 20 अप्रैल के बीच पाकिस्तान पर एक और हमले की योजना बना रहा है। सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों को इस बारे में जानकारी दी गई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने तीखे शब्दों में कहा कि कुरैशी का यह हथकंडा पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को भारत में आतंकी हमला करने के लिए आह्वान जैसा प्रतीत होता है।

कुमार ने एक बयान में कहा, ''पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा क्षेत्र में युद्ध उन्माद को बढ़ावा देने के साफ मकसद वाले गैरजिम्मेदाराना और निरर्थक बयान को भारत खारिज करता है। यह हथकंडा पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को भारत में आतंकी हमला करने के लिए आह्वान है।''

उन्होंने कहा कि भारत को सीमा पार से होने वाले किसी भी आतंकवादी हमले के लिए ''दृढ़तापूर्वक और निर्णायक'' जवाब देने का अधिकार है।

उधर, इस्लामाबाद में भारतीय उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया को पाकिस्तानी विदेश कार्यालय में तलब किया गया और ''किसी भी दुस्साहस'' को लेकर चेतावनी दी गई।

कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। उस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने आतंकवाद-रोधी अभियान के तहत 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया था।

कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया गया है कि वह भारत में सीमा पार से होने वाले आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी से खुद को अलग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमलों में अपनी संलिप्तता के लिए बहानेबाजी का कोई प्रयास सफल नहीं होगा। पाकिस्तान को अपने क्षेत्र से चल रहे आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय कदम उठाने की जरूरत है।

कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकी हमलों के बारे में किसी भी कार्रवाई योग्य और विश्वसनीय खुफिया जानकारी को साझा करने के लिए स्थापित राजनयिक और सैन्य संचालन महानिदेशक चैनलों का उपयोग करने की सलाह दी गयी है।