संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीनIANS

एशिया-प्रशांत समूह ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में 2 साल की अस्थायी सदस्यता के लिए सर्वसम्मति से भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। यह भारत के लिए महत्वपूर्ण कूटनीतिक जीत है और विश्व मंच पर देश की बढ़ती साख को दिखाता है। भारत की कूटनीतिक गोलबंदी ऐसी थी कि पाकिस्तान को भी भारत की सदस्यता का समर्थन करना पड़ा। पंद्रह सदस्यीय परिषद में 2021-2022 के कार्यकाल के लिए 5 अस्थायी सदस्यों का चुनाव जून 2020 के आस-पास में होना है। इन सदस्यों का कार्यकाल जनवरी 2021 से शुरू होगा।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'सर्वसम्मति से लिया गया फैसला। एशिया-प्रशांत समूह ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2021/22 के दो साल के अस्थायी कार्यकाल के लिए भारत की उम्मीदवारी का अनुमोदन सर्वसम्मति से संयुक्त राष्ट्र में किया। सभी 55 सदस्यों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद।'

अकबरुद्दीन ने संदेश के साथ एक विडियो भी पोस्ट किया है। उसमें कहा गया है, 'एशिया-प्रशांत समूह ने यूएनएससी में अस्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया। 55 देश, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2021-2022 के लिए अस्थायी सदस्य के लिए एक मनोनीत..भारत।' इस विडियो संदेश में भारत की उम्मीदवारी पेश करने के लिए एशिया-प्रशांत समूह के सभी देशों को धन्यवाद भी दिया गया है।

भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने वाले 55 देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, कुवैत, किर्गिजिस्तान, मलयेशिया, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, सीरिया, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और वियतनाम शामिल हैं।

बता दें कि हर साल 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा दो साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 5 अस्थायी सदस्यों का चुनाव करती है। यूएनएससी के 5 स्थायी सदस्य हैं चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका। यूएनएससी की 10 अस्थायी सीटों का बंटवारा क्षेत्रीय आधार पर किया गया है.... अफ्रीका और एशिया के हिस्से में 5 जबकि पूर्वी यूरोप के हिस्से में एक, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों के हिस्से में 2, पश्चिमी यूरोप के हिस्से में 2 सीटें हैं।

इससे पहले भारत 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और हाल ही में 2011-12 में यूएनएससी का अस्थायी सदस्य रह चुका है। इस महीने की शुरुआत में एस्तोनिया, नाइजर, सेंट विन्सेंट ऐंड द ग्रेनाडिन्स, ट्यूनिशिया और वियतनाम को दो साल के लिए यूएनएससी का सदस्य चुना गया है। इनका कार्यकाल 2020 से शुरू हो रहा है। सेंट विन्सेंट ऐंड द ग्रेनाडिन्स सुरक्षा परिषद में जगह पाने वाला सबसे छोटा देश है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।