पुलिस ने बेंगलुरु में तीन महिलाओं को भीड़ के हमले से बचाया. (सांकेतिक तस्वीर)रायटर्स

जैसे कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का शपथग्रहण और उसके बाद होने वाला विश्वासमत बेंगलुरु पुलिस को की रातों की नींद उड़ाने के लिये काफी नहीं था, ऐसे में शहर में बच्चों को चुराने वाले गिरोहों की मौजूदगी की अफवाहों ने उनकी परेशानियों को और अधिक बढ़ा दिया है. बेंगलुरु पुलिस ने शुक्रवार, 25 मई को व्हाईटफील्ड क्षेत्र में तीन महिलाओं को भीड़ के चंगुल से बचाया.

द हिंदू की खबर के मुताबिक, महिलाओं पर इसलिये हमला किया गया क्योंकि स्थानीय लोगों को शक था कि वे बच्चा-चोर गिरोह की सदस्य हैं और वहां पर बच्चों का अपहरण करने के इरादे से घूम रही हैं. पुलिस ने बताया कि लोग अपने क्षेत्र में देखे जाने वाले अजनबियों को लेकर काफी सतर्क और चिंतित हैं और उन्हें हर अजनबी के बच्चा चोर गिरोह का सदस्य होने का शक होता है.

हालांकि पुलिस ने समय पर पहुंचकर इन तीन महिलाओं को भीड़ से बचा लिया लेकिन चमराजपेट क्षेत्र में लोगों के हाथों मारे गए व्यक्ति की किस्मत इतनी अच्छी नहीं थी. बुधवार, 23 मई को वायरल हुए एक वीडियो में एक व्यक्ति को कुछ लोगों द्वारा क्षेत्र की गलियों में दौड़ा-दौड़ाकर बुरी तरह से पीटते हुए देखा जा सकता है.

26 वर्षीय कालूराम बिन बचनराम के रूप में पहचाने गए पीड़ित को गुस्साई भीड़ द्वारा क्रिकेट के बल्लों और लोहे की छड़ों से पीटे जाने के बाद खून से लथपथ देखा जा सकता था. बताया जाता है कि स्थानीय लोगों ने जब उसे कुछ बच्चों से बातचीत करते देखा तो उसे बच्चा-चोर समझा और उसके साथ मारपीट की.

माना जा रह है कि बचनराम राजस्थान का रहने वाला था और पुलिस का मानना है कि वह मजदूर के रूप में काम करता था.

यह घटना दोपहर करीब 1.40 पर कंट्रोल रूम में एक काॅल आने के बाद सामने आई जिसमें बताया गया कि भीड़ द्वारा एक आदमी को बुरी तरह मारा-पीटा जा रहा है. एक पुलिस टीम को मौके पर रवाना किया गया जिसे देखते ही भीड़ मौके से रफूचक्कर हो गई.

पुलिस ने इस घटना के बाद कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें चार महिलाएं और दो नाबालिग भी हैं. भीड़ द्वारा की गई इस हत्या के बारे में डीसीपी (पश्चिम) रवि डी चन्नानावर ने टाईम्स आॅफ इंडिया को बताया, ''हमनें काॅटनपेट, चमारजपेट और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले राजस्थानी मूल के लोगों से अनुरोध किया है कि वे मृतक के परिजनों को शव सौंपने में मदद करें.''

माना जा रहा है कि स्थानीय लोगों के डर का मुख्य कारण पिछले कुछ दिनों से व्हाट्एप्प पर प्रसारित हो रहा एक मैसेज है जिसमें कर्नाटक के निवासियों को बच्चा चोरों से सावधान रहने को कहा गया है. हालांकि पुलिस ने स्पष्ट रूप से इन संदेशों को फर्जी बताते हुए कहा है कि राज्य में अपहरण की कोई घटना नहीं हुई है.